UGC Caste-based Discrimination 2024: यूजीसी ने जाति आधारित भेदभाव रोकने के लिए दिशा-निर्देश किए जारी
यूजीसी ने शैक्षणिक संस्थानों को जातिगत भेदभाव से संबंधित शिकायतें 31 जुलाई 2024 तक दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
Abhay Pratap Singh | May 29, 2024 | 03:32 PM IST
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में जाति आधारित भेदभाव को खत्म करने के लिए एक नोटिस जारी किया है। कॉलेज और विश्वविद्यालय को भेजे गए नोटिस में यूजीसी ने एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को खत्म करने पर जोर दिया है।
उच्च शिक्षा संस्थानों से यूजीसी द्वारा निर्धारित कार्रवाई का पालन करने का अनुरोध किया गया है। यूजीसी के नोटिस में कहा गया है कि, अधिकारियों और शिक्षकों को सामाजिक पृष्ठभूमि के कारण अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के छात्रों के प्रति किसी भी तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार से बचना चाहिए।
यूजीसी ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए कॉलेज अधिकारियों द्वारा प्राप्त भेदभाव संबंधी शिकायतों के बारे में संस्थानों से विश्वविद्यालय गतिविधि निगरानी पोर्टल (यूएएमपी) पर निर्धारित प्रारूप में विस्तृत विवरण दर्ज करने को कहा है। नोटिस के अनुसार, कॉलेजों को 31 जुलाई 2024 तक सभी प्रकार की जातीय भेदभाव संबंधित जानकारी देनी होगी।
आधिकारिक नोटिस के अनुसार, “यदि ऐसी कोई घटना अधिकारियों के संज्ञान में आती है, तो दोषी अधिकारी/ संकाय सदस्य के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।”
Also read BHU PhD Admission 2024: बीएचयू में यूजीसी, सीएसआईआर नेट स्कोर से पीएचडी में ले सकेंगे प्रवेश
यूजीसी ने संस्थानों को निर्देश दिया है कि, वे अपनी वेबसाइट पर एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों के खिलाफ जातिगत भेदभाव से संबंधित शिकायतें दर्ज करने के लिए एक विशिष्ट पेज बनाएं। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को रजिस्ट्रार या प्रिंसिपल के कार्यालय में उपलब्ध शिकायत रजिस्टर द्वारा सपोर्ट किया जाना चाहिए।
UGC Caste-based Discrimination Guidelines 2024: संस्थान समिति का गठन करें
यूजीसी ने सुझाव दिया है कि संस्थान एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों, प्रशिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की शिकायतों से निपटाने के लिए एक समिति गठित कर सकते हैं। शिकायतों के निष्पक्ष और उचित समाधान की गारंटी के लिए इस समिति में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के सदस्य शामिल होने चाहिए।
यूजीसी ने जातिगत भेदभाव की शिकायतों से निपटने के दौरान कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासकों के संवेदनशील होने के महत्व पर जोर दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कार्रवाई की गारंटी के लिए इन दिशा-निर्देशों को सभी भाग लेने वाले और संबद्ध कॉलेजों में प्रसारित करने का आह्वान किया है।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- CAT 2024: कम कैट स्कोर स्वीकार करने वाले टॉप 10 एमबीए कॉलेज; एलिजिबिलिटी और फीस जानें
- CAT 2024: आईआईएम इंदौर एमबीए एडमिशन, कैट कटऑफ पर्सेंटाइल, चयन प्रक्रिया, पीआई वेटेज
- CAT Exam 2024: आईआईएम लखनऊ के एमबीए प्रवेश मानदंड में कैट एग्जाम को 60% वेटेज
- CAT Exam 2024: आईआईएम और आईआईटी एमबीए के लिए किसे चुनें? जानें विस्तृत विश्लेषण, प्लेसमेंट, सैलरी पैकेज
- Career Outlook Report: करियर आउटलुक रिपोर्ट जारी, फ्रेशर्स और जॉब मार्केट के बीच अंतर कम करना लक्ष्य
- CAT Exam 2024: कैट स्कोर से एमबीए कोर्स में प्रवेश देने वाले टॉप संस्थान; शुल्क और चयन प्रक्रिया जानें
- CLAT 2025 Exam Date: क्लैट परीक्षा 1 दिसंबर को; अंतिम समय में कैसे करें तैयारी, जानें प्रमुख विषय
- CAT 2024 Preparation Tips: अंतिम समय में कैट परीक्षा की तैयारी कैसे करें? आईआईएम के लिए आवश्यक स्कोर जानें
- UP Scholarship 2024-25: यूपी छात्रवृत्ति क्या है? किसे मिलेगी आर्थिक सहायता, जानें प्रोसेस, पात्रता, दस्तावेज
- JEE Main Qualifying Cutoff 2025: जेईई मेन क्वालीफाइंग कटऑफ क्या होगी? निर्धारित करने वाले फैक्टर, प्रकार जानें