Santosh Kumar | June 20, 2025 | 03:39 PM IST | 2 mins read
एनएमसी के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में भारत में 707 निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,09,048 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2025 का परिणाम 14 जून को घोषित हुआ, जिसमें कुल 12.37 लाख उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की। इस परीक्षा के माध्यम से देशभर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में लगभग 55,688 एमबीबीएस सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। पिछले एक साल में, नए मेडिकल कॉलेज खुलने के साथ ही नई एमबीबीएस सीटें भी बढ़ी हैं। इस लेख में राज्यवार आधार पर सरकारी एमबीबीएस सीटों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।
जैसे ही एनटीए ने नीट का रिजल्ट जारी किया, कई छात्रों के मन में यह सवाल था कि एमबीबीएस के लिए भारत में सबसे अच्छे मेडिकल कॉलेज कौन से हैं। इसका जवाब शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ रैंकिंग में मिलता है।
एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों की सूची दी गई है। एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली लगातार चार वर्षों तक देश का नंबर-1 मेडिकल कॉलेज बना हुआ है।
देश भर से छात्र एमबीबीएस सीट प्राप्त करके डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने के लिए नीट यूजी में शामिल होते हैं। हर साल नए मेडिकल कॉलेज खुलने के साथ ही एमबीबीएस सीटों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है।
एनएमसी के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में भारत के 707 मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,09,048 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं। 2022-23 में देशभर में कुल 322 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, जिनमें 48,212 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध थीं।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 386 हो गई और 2023-24 में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 55,880 हो गई। इस तरह 64 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले और इससे करीब 7,668 एमबीबीएस सीटें बढ़ गईं।
कुल सरकारी एमबीबीएस सीटों और कॉलेजों की संख्या का राज्यवार विवरण नीचे दी गई तालिका में दिया गया है-
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम | सरकारी कॉलेज की संख्या | सरकारी सीटें |
---|---|---|
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | 1 | 114 |
आंध्र प्रदेश | 18 | 3235 |
अरुणाचल प्रदेश | 1 | 50 |
असम | 13 | 1550 |
बिहार | 13 | 1615 |
चंडीगढ़ | 1 | 150 |
छत्तीसगढ | 10 | 1355 |
दादरा एवं नगर हवेली | 1 | 177 |
दिल्ली | 8 | 1247 |
गोवा | 1 | 180 |
गुजरात | 23 | 4250 |
हरियाणा | 6 | 835 |
हिमाचल प्रदेश | 7 | 770 |
जम्मू और कश्मीर | 11 | 1239 |
झारखंड | 7 | 805 |
कर्नाटक | 22 | 3450 |
केरल | 12 | 1755 |
मध्य प्रदेश | 15 | 2400 |
महाराष्ट्र | 32 | 5125 |
मणिपुर | 3 | 375 |
मेघालय | 1 | 50 |
मिजोरम | 1 | 100 |
नगालैंड | 1 | 100 |
उड़ीसा | 12 | 1675 |
पुदुचेरी | 2 | 380 |
पंजाब | 5 | 850 |
राजस्थान | 26 | 3955 |
तमिलनाडु | 38 | 5250 |
तेलंगाना | 28 | 3890 |
त्रिपुरा | 1 | 125 |
उत्तर प्रदेश | 35 | 4303 |
उत्तराखंड | 5 | 700 |
पश्चिम बंगाल | 26 | 3825 |
भारत में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें दो भागों में विभाजित हैं - 15% अखिल भारतीय कोटा और 85% राज्य कोटा। एआईक्यू सीटों के लिए काउंसलिंग चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) द्वारा की जाती है।
जबकि राज्य कोटा सीटें उस राज्य के पात्र निवासियों के लिए उपलब्ध हैं। सीट पाने के लिए, उम्मीदवार को नीट कटऑफ को पास करना होगा। इसके अलावा, डीयू और एएमयू जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं।
नीट यूजी 2025 रिजल्ट 14 जून को घोषित किए गए। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा पास करने वाली छात्राओं में श्वेता पाल, कुमारी पूजा रंजन, प्रिंसी, कोमल कुमारी, लक्ष्मी, अनुराधा, सभ्या प्रजापति, दीप्ति और पूजा सोनकर शामिल हैं।
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