इस कदम का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में अधिक अवसर प्रदान करना और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है।
Santosh Kumar | July 10, 2025 | 09:39 PM IST
नई दिल्ली: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अब राज्य की सभी सरकारी सेवाओं और पदों पर सीधी नियुक्तियों में केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को ही 35% आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। बिहार कैबिनेट द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद यह प्रावधान अब लागू हो गया है।
इस निर्णय के अनुसार, भविष्य में बीपीएससी द्वारा जारी किए जाने वाले सभी विज्ञापनों में यह आरक्षण लागू होगा। यहां तक कि जिन विज्ञापनों के परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं, उनमें भी यह आरक्षण नियम तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर भी यह जानकारी जारी की है। इस कदम का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में अधिक अवसर प्रदान करना और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है।
बिहार कैबिनेट ने 8 जुलाई को फैसला किया कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण अब केवल राज्य के स्थायी निवासियों तक ही सीमित रहेगा। यह फैसला राज्य में चुनाव से कुछ महीने पहले लिया गया है।
बिहार सरकार की नई नीति से राज्य की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए वित्तीय स्वतंत्रता और नौकरी की सुरक्षा बढ़ेगी। सरकार ने 2016 में सभी स्तरों पर सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था।
इससे पहले बिहार में किसी भी राज्य की महिलाएं सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का लाभ उठा सकती थीं। लेकिन अब यह आरक्षण केवल बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए ही तय किया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अधिवास नीति लागू करने की मांग तेज हो गई है। बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि अगर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार बनती है, तो अधिवास नीति लागू की जाएगी।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इसका समर्थन किया, लेकिन उन्होंने राजद की मंशा पर सवाल उठाए। हाल ही में पटना में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं ने डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शन के नेताओं में से एक दिलीप कुमार ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘अब सरकार को सरकारी नौकरियों में राज्य के युवाओं का 90 प्रतिशत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए अधिवास नीति लागू करनी चाहिए।’’