कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि जो लोग निजीकरण के जरिए नौकरियां छीनने में लगे हैं, उनके एजेंडे में नौकरियां देना कैसे हो सकता है?
Santosh Kumar | May 30, 2025 | 11:37 AM IST
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पिछले सात सालों से अटकी हुई है, जिससे हजारों बेरोजगार युवा काफी नाराज हैं। इसके विरोध में प्रयागराज में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने नारेबाजी की और जल्द से जल्द परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में एक लाख सहायक शिक्षकों की भर्ती करने की मांग की।
रजत सिंह के नेतृत्व में 28 मई को यह विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। अभ्यर्थी नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 51112 पदों पर वैकेंसी को लेकर हलफनामा लगाया था।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 1,73,795 पद रिक्त हैं। 2020 में तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया था कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 2,17,481 पद रिक्त हैं।
इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश में पिछले 7 सालों से शिक्षक भर्ती का सूखा पड़ा हुआ है। अभ्यर्थियों की एक ही मांग है, जब तक नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं होता, अभ्यर्थी शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज से नहीं हटेंगे।
बता दें कि जब से उत्तर प्रदेश में बीटीसी का नाम बदलकर डीएलएड कर दिया गया है, तब से डीएलएड 2017, 2018 और 2019 बैच के करीब 5 लाख पात्र अभ्यर्थियों को एक बार भी शिक्षक बनने का मौका नहीं मिला।
इस बीच आयोग के उप सचिव डॉ. शिवजी मालवीय ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि बेसिक शिक्षा विभाग से रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है। जानकारी मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
हालांकि अभ्यर्थी लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि कई बार मांगपत्र मांगा जा चुका है, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। इसलिए जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, वे धरने पर बैठे रहेंगे।
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प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने कहा कि पिछली बार वर्ष 2018 में 69 हजार पदों पर भर्ती हुई। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को दो साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक कोई वैकेंसी जारी नहीं की गई है।
युवा मंच ने सीएम योगी के एक्स हैंडल पर पोस्ट कर प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करने की मांग की है। मंच के कार्यकारिणी सदस्य अर्जुन प्रसाद ने कहा कि 2021 के बाद बेसिक शिक्षा में 1.39 लाख शिक्षक पद खत्म कर दिए गए।
पिछले 7 वर्षों से नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं आई, किसी तरह योगी सरकार की अंतरात्मा जागी तो नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का ट्वीट किया और कुछ ही घंटों में ट्वीट डिलीट करके भाग खड़े हुए।
यूपी कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "डीएलएड और बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थी प्रयागराज में सरकार के खिलाफ महाधरना दे रहे हैं। ये अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि यूपी में नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती की जाए, जो पिछले कई सालों से रुकी हुई है।"
ऐसे में सरकार को दो अहम सवालों का जवाब देना चाहिए। पहला- ऐसी क्या मजबूरी थी जिसके चलते योगी सरकार को शिक्षक भर्ती से जुड़ा ट्वीट डिलीट करना पड़ा? और दूसरा- योगी सरकार नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती कब निकालेगी?
यूपी कांग्रेस ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि इन दोनों सवालों का जवाब सरकार के पास नहीं होगा, क्योंकि जो लोग निजीकरण के जरिए नौकरियां छीनने में लगे हैं, उनके एजेंडे में नौकरियां देना कैसे हो सकता है?