Delhi School: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने पर अभिभावकों ने सरकार से ऑनलाइन शिक्षण पद्धति अपनाने का अनुरोध किया

Press Trust of India | November 3, 2025 | 10:47 PM IST | 2 mins read

दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन कक्षाएं अब अत्यावश्यक हो गई हैं क्योंकि बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।

अभिभावक और संघ के सदस्य महेश मिश्रा ने कहा - जिन बच्चों के फेफड़े अभी विकसित हो रहे हैं, उनके लिए हर दिन का जोखिम एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण दिल्ली के अभिभावक संघों ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह विद्यालयों को ऑनलाइन शिक्षण पद्धति अपनाने के लिए कहे। इस बीच, 3 नवंबर को शहर में धुंध की एक मोटी परत छाई रही और वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मंगलवार को इसके ‘गंभीर’ होने की संभावना है। दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन कक्षाएं अब अत्यावश्यक हो गई हैं क्योंकि कई बच्चे खांसी, नाक बंद होने और सिरदर्द से बीमार पड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रदूषण के कारण मुझे खांसी हो रही है और अभिभावकों से कई संदेश मिले हैं कि उनके बच्चे भी अस्वस्थ हैं। सभी कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि कई छात्र मास्क नहीं पहनना चाहते हैं।’’

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में शाम चार बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 309 दर्ज किया गया, जिसमें पीएम 2.5 का स्तर 155 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 का स्तर 278 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।

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एक अन्य अभिभावक और संघ के सदस्य महेश मिश्रा ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्कूलों में तत्काल ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का आह्वान किया, जब तक कि एक्यूआई एक निश्चित अवधि के लिए ‘मध्यम’ स्तर पर न आ जाए।

उन्होंने खेल, सभाएं और भ्रमण जैसी बाहरी गतिविधियों को स्थगित करने की भी मांग की और शिक्षा निदेशालय से स्कूलों और अभिभावकों को प्रतिदिन एक्यूआई आधारित सलाह जारी करने का आग्रह किया।

मिश्रा ने तत्काल सरकारी कार्रवाई की अपील करते हुए कहा, ‘‘जिन बच्चों के फेफड़े अभी विकसित हो रहे हैं, उनके लिए हर दिन का जोखिम एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है। स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार शारीरिक उपस्थिति से पहले आना चाहिए।’’

पूर्वी दिल्ली निवासी कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए) के अध्यक्ष बीएस वोहरा ने सवाल उठाया कि 500 से ऊपर के एक्यूआई स्तर के लिए कोई स्पष्ट वर्गीकरण क्यों नहीं है। वोहरा ने आपातकालीन स्वास्थ्य संबंधी प्रतिक्रिया के अभाव की आलोचना की।

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