Open Universities Unite: कौशल विकास और शिक्षा में सामूहिक प्रभाव के लिए आईपीओयू एसोसिएशन का किया गया गठन

राष्ट्रीय सहयोगात्मक पहल के साथ इग्नू में स्नातक रोजगारपरकता पर तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई।

IGNOU और CEMCA ने सहयोग ग्रेजुएट एम्प्लॉयबिलिटी कार्यशाला आयोजित की गई।

Abhay Pratap Singh | June 6, 2025 | 06:04 PM IST

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) और कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया (CEMCA) द्वारा आज यानी 6 जून को संयुक्त रूप से ग्रेजुएट एम्प्लॉयबिलिटी पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला इग्नू मुख्यालय, नई दिल्ली में आयोजित हुई। इस दौरान भारतीय सार्वजनिक मुक्त विश्वविद्यालय संघ (IPOU Association) का गठन भी किया गया।

इंडियन पब्लिक ओपन यूनिवर्सिटीज एसोसिएशन का उद्देश्य राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के अनुरूप मुक्त विश्वविद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल एकीकरण और रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए एक सहयोगात्मक राष्ट्रीय मंच तैयार करना है।

कार्यशाला के दौरान 17 मुक्त विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने शैक्षणिक कार्यक्रमों में व्यावसायिक योग्यताएं शामिल करने, योग्यता पैक विकसित करने और रोजगार योग्य स्नातकों की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए संस्थागत तत्परता बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। साथ ही उद्योग-अकादमिक सहयोग पर पैनल चर्चा भी की गई।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के निदेशक कर्नल गुंजन चौधरी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया गया। उन्होंने “डिग्री देने वाली संस्थाओं की मान्यता के माध्यम से गुणवत्ता विनियमन को सक्षम बनाना” विषय पर विस्तार से चर्चा की तथा मुक्त विश्वविद्यालयों को एनसीवीईटी के तहत मान्यता प्राप्त व्यावसायिक और शैक्षणिक डिग्री देने वाली संस्थाओं के रूप में दोहरी स्थिति प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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महाराष्ट्र स्टेट स्किल्स यूनिवर्सिटी (MSSU) की कुलपति प्रो. डॉ अपूर्वा पालकर ने डिग्री कार्यक्रमों में कौशल घटकों को शामिल करने के MSSU के सफल मॉडल को प्रदर्शित किया। “60-40 का रहस्य उजागर करना” शीर्षक वाली उनकी केस स्टडी प्रस्तुति में संरचित क्रेडिट ढांचे के माध्यम से शैक्षणिक और व्यावसायिक सामग्री को संतुलित करने के लिए प्रभावी रणनीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।

सीईएमसीए के निदेशक डॉ. बी शैड्रैक ने कहा, “उच्च शिक्षा का भविष्य संस्थानों के बीच, शिक्षा और उद्योग के बीच तथा नीति और व्यवहार के बीच निहित है। यह एसोसिएशन ओपन यूनिवर्सिटीज को व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ाने और एनईपी 2020 और एनएसक्यूएफ के विजन को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने में मदद करेगी।”

National Workshop on Graduate Employability: कार्यशाला के प्रमुख बिंदु

एनसीवीईटी के तहत मुक्त विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक एवं व्यावसायिक प्रमाणन संस्थाओं के रूप में दोहरी भूमिका को संस्थागत रूप देना।

  • रोजगारोन्मुखी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण हेतु करियर सेवाओं, उद्योग सहभागिता और संकाय प्रशिक्षण जैसे प्रमुख घटकों का विकास।
  • सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे क्रेडिट आधारित कौशल मॉड्यूल्स को वर्तमान शैक्षणिक कार्यक्रमों में जोड़ना।
  • वास्तविक दुनिया में उपयोग होने वाले अनुप्रयोगों के अनुरूप परिणाम-आधारित और अनुसंधान-प्रेरित पाठ्यक्रम को अपनाना।
  • विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक आवश्यकताओं वाले विद्यार्थियों के लिए समावेशी शिक्षा मॉडल को बढ़ावा देना।
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