Santosh Kumar | July 24, 2025 | 04:53 PM IST | 1 min read
फ्रांस के कैम्पस डेस मेटीयर्स एट क्वालिफिकेशन्स (सीएमक्यू) और भारत के प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के बीच यह समझौता हुआ।
नई दिल्ली: भारत और फ्रांस ने कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 22 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इंडिया स्किलनेक्स्ट 2025 के दौरान, दोनों देशों ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर भारत के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी उपस्थित रहे।
फ्रांस के कैम्पस डेस मेटीयर्स एट क्वालिफिकेशन्स (सीएमक्यू) और भारत के प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के बीच यह समझौता हुआ। इसके तहत पाठ्यक्रम विकास, शिक्षक-प्रशिक्षक प्रशिक्षण और फ्रेंच भाषा पर केंद्रित कोर्स शुरू किए जाएंगे।
एमओयू में "फ्रांसीसी-भारतीय व्यावसायिक परिसरों" की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जो भारतीय प्रशिक्षण केंद्रों को फ्रांस के व्यावसायिक शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ेंगे, और संभवतः फ्रांसीसी और भारतीय उद्योगों के साथ साझेदारी द्वारा समर्थित होंगे।
मंत्री जयंत चौधरी ने इसे कौशल, सम्मान और नवाचार पर केंद्रित वैश्विक कार्यबल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि यह साझेदारी युवाओं को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता है।
यह समझौता इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देगा, जिसमें महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। एक संयुक्त कार्य समूह इसकी प्रगति की निगरानी करेगा और ज्ञान के आदान-प्रदान को सुगम बनाएगा।
यह सहयोग दोनों देशों के 4 प्रमुख मंत्रालयों को एक साथ लाता है, जिससे भारत-फ्रांस संबंध और मजबूत होंगे, जिसकी शुरुआत 1966 के सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग समझौते से हुई, जिसे हाल ही में जारी संयुक्त घोषणाओं से और बल मिला है।