Santosh Kumar | July 24, 2025 | 06:52 PM IST | 2 mins read
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 में कुल 460 छात्रों ने विभिन्न प्रोग्राम में दाखिला लिया और 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1,270 तक पहुंच गई।
नई दिल्ली: नालंदा विश्वविद्यालय में बीते 5 वर्ष में कुल छात्रों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी गई है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर, शोधकार्य (पीएचडी), और लघुकालिक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम छह अध्ययन विद्यापीठों और चार अनुसंधान केंद्रों के अंतर्गत आते हैं।
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 में कुल 460 छात्रों ने विभिन्न प्रोग्राम में दाखिला लिया और 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1,270 तक पहुंच गई, जिसमें 402 पीजी एवं पीएचडी छात्र तथा 868 लघुकालिक पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं।
मंत्री ने बताया कि 2024-25 में भारतीय छात्रों की संख्या 178 और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 224 है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का परिसर पूर्ण रूप से क्रियाशील है और इसमें दो शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन शामिल हैं।
इसमें छात्रावास, कर्मचारी और संकाय आवास, अतिथि गृह, कैंटीन, एम्फीथिएटर, चिकित्सा केंद्र, योग केंद्र और खेल परिसर भी शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि परिसर को नेट-जीरो सुविधा के रूप में विकसित किया गया है।
इसमें 6.5 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, जल पुनर्चक्रण प्रणाली, वर्षा जल संचयन प्रणाली और लगभग 100 एकड़ में फैला हरित एवं जलीय क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पुस्तकालय, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया जैसे कुछ निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।
कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि 2014 में विश्वविद्यालय के लिए 10-वर्षीय व्यय योजना के तहत 2,727.10 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई, जिसमें 1,749.65 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 977.45 करोड़ रुपये राजस्व व्यय के रूप में निर्धारित थे।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2025 तक कुल 2,066.05 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिनमें से 1,731.38 करोड़ रुपये पूंजीगत और 334.67 करोड़ रुपये राजस्व व्यय शामिल हैं। पीएम ने 19 जून, 2024 को परिसर का उद्घाटन किया था।