Santosh Kumar | July 24, 2025 | 07:47 PM IST | 2 mins read
जेएनयू का नया केंद्र बहुभाषावाद और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए स्नातकोत्तर और प्रमाणपत्र स्तर के कार्यक्रम प्रदान करेगा।
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दो नए शैक्षणिक केंद्रों, कुसुमाग्रज मराठी भाषा, साहित्य और संस्कृति के लिए विशेष केंद्र तथा छत्रपति शिवाजी महाराज सुरक्षा और सामरिक अध्ययन के लिए विशेष केंद्र का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह का नेतृत्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जेएनयू कन्वेंशन सेंटर में किया। इस भाषा केंद्र का नाम प्रसिद्ध कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता कुसुमाग्रज के नाम पर रखा गया है और यह मराठी भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक परंपराओं पर केंद्रित होगा।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज की सामरिक शक्ति पर एक अध्ययन केंद्र और मराठी भाषा पर एक अध्ययन केंद्र शुरू किया गया है।"
उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर एक अध्ययन केंद्र का खुलना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। छत्रपति महाराज जो रणनीतिक सोच रखते थे, आज उसका अध्ययन यहां होगा, यह बहुत खुशी की बात है।"
जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने एनईपी 2020 के प्रतिबिंब के रूप में दो नए केंद्रों के महत्व और भारतीय ज्ञान प्रणालियों और भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
मराठी केंद्र शुरू किए जाने पर उन्होंने कहा, "वर्तमान राज्य सरकार मराठी को महत्व दे रही है, जिसे केंद्र द्वारा शास्त्रीय भाषाओं में से एक घोषित किया गया है, क्योंकि मराठी एक बहुत प्रतिष्ठित भाषा है और अपने साहित्य के लिए जानी जाती है।"
कुसुमाग्रज विशेष केंद्र मराठी भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक परंपराओं पर केंद्रित होगा और इसका नाम प्रसिद्ध मराठी कवि कुसुमाग्रज के नाम पर रखा गया है, जिन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे महानतम मराठी कवियों में से एक हैं।
यह केंद्र बहुभाषावाद और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए स्नातकोत्तर और प्रमाणपत्र स्तर के कार्यक्रम प्रदान करेगा। कुलपति ने कहा, "यह नई शिक्षा नीति के अनुरूप मराठी में एमए और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।"
विभिन्न विषयों और राज्यों के छात्रों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जैसे कोई भी पीजी या पीएचडी छात्र एक साथ मराठी में यह सर्टिफिकेट कोर्स कर सकता है और इससे सभी को अवसर मिलेगा क्योंकि जेएनयू में सभी राज्यों के छात्र हैं।
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 में कुल 460 छात्रों ने विभिन्न प्रोग्राम में दाखिला लिया और 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1,270 तक पहुंच गई, जिसमें 402 पीजी एवं पीएचडी छात्र तथा 868 लघुकालिक पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं।
Santosh Kumar