JNU Protest: जेएनयू में जाति आधारित जनगणना पर प्रशासन की सहमति, छात्रसंघ ने की थी मांग

Santosh Kumar | August 26, 2024 | 09:10 PM IST | 2 mins read

जेएनयू विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदर्शनकारी छात्र संघ की 12 प्रमुख मांगों में से कम से कम 6 को पूरा करने पर सहमत हो गया है।

जेएनयू में छात्र संघ के विरोध प्रदर्शन का आज (26 अगस्त) 16वां दिन है। (इमेज-X/@JNU_official_50)

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन और उसके छात्र संघ के बीच चल रहा गतिरोध जल्द ही खत्म हो सकता है। पिछले 15 दिनों से हड़ताल पर बैठे छात्र संगठन और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच कई मांगों पर सहमति बन गई है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्र संघ की 12 प्रमुख मांगों में से कम से कम 6 को पूरा करने पर सहमति जताई है। इनमें दाखिले के लिए पुरानी आंतरिक प्रवेश परीक्षा प्रणाली जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करने का प्रस्ताव शामिल है।

इसके अलावा जेएनयू परिसर में जाति जनगणना कराने, छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने और दाखिले के लिए वाइवा को दिए जाने वाले वेटेज को कम करने का भी प्रस्ताव इसमें शामिल है। इन मांगों पर सहमति के बावजूद छात्र संगठनों की हड़ताल अभी भी जारी है। छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय और पार्षद नीतीश कुमार भूख हड़ताल पर हैं।

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आज (26 अगस्त) भूख हड़ताल का 16वां दिन है। छात्र उन मुद्दों पर लिखित पुष्टि की मांग कर रहे हैं जिन पर सहमति बनी है। भूख हड़ताल 11 अगस्त को शुरू हुई थी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र संघ ने कहा है कि धनंजय का वजन 5 किलो से ज्यादा कम हो गया है, उनका कीटोन लेवल 4 किलो तक गिर गया है और उन्हें पीलिया और मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) भी हो गया है।

इसके अलावा, नीतीश का वजन करीब 7 किलो कम हो गया है और वह काफी कमजोर हो गया है। उसे जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द हो रहा है। छात्र संघ का कहना है कि बातचीत के दौरान प्रशासन ने मौखिक रूप से इन मुद्दों को मानने की सहमति दी है।

जेएनयूएसयू ने अपनी मांगों को लेकर अब क्रमिक भूख हड़ताल और रात्रि जागरण का ऐलान किया है। छात्र 11 अगस्त से प्रशासन के कथित गैरजिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, जेएनयू प्रशासन ने यूजीसी को पत्र लिखकर मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप की राशि 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह करने का आग्रह किया है।

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