आंतरिक मूल्यांकन के बाद अंकों की एंट्री मण्डल द्वारा निर्धारित तिथि अनुसार मंडल के पोर्टल पर की जाएगी। विद्यार्थियों द्वारा किए गए प्रोजेक्ट वर्क का रिकार्ड विद्यालय में 1 वर्ष तक सुरक्षित रखना होगा।
Saurabh Pandey | July 9, 2025 | 06:45 PM IST
नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं, 12वीं के लिए अध्यापन एवं परीक्षा योजना जारी की है। न्यू वोकेशनल हाई / हायर सेकंडरी पाठ्यक्रम में प्रवेश छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के प्रवेश नियम अनुसार ही होगा। कक्षा ग्यारहवीं में अनुत्तीर्ण विद्यार्थी विषय परिवर्तन कर वोकेशनल विषय का चयन कर सकता है। इसके अतिरिक्त कक्षा 12वीं में छात्र वोकेशनल विषय के स्थान पर द्वितीय भाषा का चयन कर सकता है।
बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी के रेगुलर छात्रों की प्रायोगिक /आंतरिक मूल्यांकन (प्रोजेक्ट) की संभावित तिथि 1 जनवरी 2026 से 20 जनवरी 2026 तक है। इस अवधि में प्रायोगिक एवं प्रायोजना कार्य सम्पन्न करा लिए जाएं।
प्रोजेक्ट वर्क का आंतरिक मूल्यांकन स्कूल लेवल पर विषय शिक्षक द्वारा किया जाएगा। इसके लिए मण्डल द्वारा बाहरी परीक्षक की नियुक्ति नहीं की जाएगी। आंतरिक मूल्यांकन के लिए उत्तरपुस्तिका माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।
प्रोजेक्ट वर्क का आंतरिक मूल्यांकन पूरी तरह से विद्यालय स्तर पर, विद्यालयीन संसाधनों द्वारा किया जाएगा। अतः इन विषयों के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा। मंडल द्वारा विषयवार प्रोजेक्ट वर्क की वार्षिक आंतरिक परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देश मंडल की आधिकारि वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर यथासमय उपलब्ध कराए जाएंगे।
आंतरिक मूल्यांकन के बाद अंकों की एंट्री मण्डल द्वारा निर्धारित तिथि अनुसार मंडल के पोर्टल पर की जाएगी। विद्यार्थियों द्वारा किए गए प्रोजेक्ट वर्क का रिकार्ड विद्यालय में 1 वर्ष तक सुरक्षित रखना होगा।
सीजीबीएसई परीक्षा में प्रत्येक विद्यार्थी को थ्योरी एवं प्रायोगिक परीक्षा में अलग-अलग उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। प्रश्न पत्र केवल हिन्दी तथा अंग्रेजी माध्यम में ही उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन विद्यार्थी को हिन्दी, अंग्रेजी एवं उर्दू माध्यम में उत्तर देने का विकल्प रहेगा।
किसी भी विषय में विशेष योग्यता के लिए 75% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। जिन विषयों में प्रोजेक्ट वर्क है, उनका विद्यालय स्तर पर आंतरिक मूल्यांकन करना होगा तथा जिन विषयों में प्रायोगिक परीक्षाएं हैं, उनकी परीक्षाएं मण्डल द्वारा बाह्य परीक्षक नियुक्त कर सम्पन्न कराई जाएगी।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने कृपांक नीति जारी की है, जो निम्नानुसार है-
परीक्षा उत्तीर्ण करने लिए अधिकतम कृपांक 20 अंक होंगे। कृपांक का लाभ अधिकतम तीन विषयों में दिया जा सकेगा। तीन से अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण होने पर कृपांक का लाभ नहीं दिया जाएगा। किसी भी विषय में कुल अंकों का अधिकतम 10% तक ही कृपांक दिया जाएगा, जैसे-