इशिका और जशपुर जिले के नमन कुमार खुंटिया ने 99.17 प्रतिशत अंक हासिल कर छत्तीसगढ़ 10वीं की बोर्ड परीक्षा में संयुक्त रूप से टॉप किया।
Press Trust of India | May 8, 2025 | 07:48 AM IST
रायपुर: छत्तीसगढ़ में 10वीं बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाली इशिका बाला मिसाल बन गई हैं। कांकेर जिले की रहने वाली इशिका पिछले दो साल से ब्लड कैंसर से लड़ रही थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बीमारी के बावजूद इशिका ने पढ़ाई जारी रखी और अपने हौसले से न सिर्फ कैंसर को हराया, बल्कि 10वीं की परीक्षा में 98.17 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया।
इशिका छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पीवी-51 (परालकोट गांव) की निवासी हैं। यह नक्सल प्रभावित आदिवासी इलाका है, जहां तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए हिंदू बंगाली शरणार्थियों को बसाया गया था।
इशिका और जशपुर जिले के स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के एक अन्य छात्र नमन कुमार खुंटिया ने 99.17 प्रतिशत अंक हासिल कर छत्तीसगढ़ 10वीं की बोर्ड परीक्षा में संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान हासिल किया।
इशिका के परिवार के मुताबिक, उसने हाल ही में कैंसर को मात दी है, लेकिन उसे अगले दो-तीन साल तक निगरानी में रखा जाएगा। 17 वर्षीय इशिका आज जारी हुए परीक्षा परिणाम से खुश है। उसने कहा, "मैं आईएएस बनना चाहती हूं।"
कांकेर जिले के गुंडाहुर गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली इशिका को नवंबर 2023 में ब्लड कैंसर होने का पता चला था। वह उस समय 10वीं कक्षा में थी, लेकिन इलाज के कारण वह पिछले साल बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी थी।
टॉपर इशिका ने कहा कि वह इंजीनियर बनना चाहती है और बाद में यूपीएससी की तैयारी करेगी। उसने कहा, "कई बार मुझे लगा कि मैं पढ़ाई नहीं कर पाऊंगी, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था, इसलिए मैंने हार नहीं मानी।"
इशिका के पिता शंकर बाला, जो एक किसान हैं, ने बताया कि नवा रायपुर के बाल्को मेडिकल सेंटर में उसका इलाज चल रहा है और अब वह कैंसर मुक्त है। लेकिन उसे अगले 2-3 साल तक नियमित जांच करानी होगी।
शंकर बाला ने बताया कि इशिका 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर की है। उन्होंने कहा, "उसने अपनी इच्छाशक्ति और हिम्मत से कैंसर को हराया। पूरे परिवार ने इलाज के दौरान उसकी देखभाल की और उसे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।"
इशिका के पिता शंकर ने आगे कहा कि इशिका की मेहनत रंग लाई और उसने बोर्ड परीक्षा में टॉप किया। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, शंकर ने कहा कि वह अपने सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे ताकि वे सफल करियर बना सकें।