UP News: सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए उपबंध-4 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बताया वैध
Press Trust of India | November 3, 2025 | 09:56 PM IST | 2 mins read
एकल न्यायाधीश ने यशांक खंडेलवाल और अन्य नौ लोगों द्वारा दायर रिट याचिका स्वीकार कर ली थी और 9 सितंबर, 2024 के सरकारी आदेश के उपबंध चार को रद्द कर दिया था।
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad HC) ने सहायक अध्यापक के पद के लिए न्यूनतम योग्यता अनिवार्य करने वाले 9 सितंबर, 2024 के सरकारी आदेश के उपबंध-4 को वैध करार दिया है। इस उपबंध में प्रावधान है कि मान्यता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद के लिए अभ्यर्थी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता प्राप्त किसी विश्वविद्यालय से स्नातक होना चाहिए।
इसमें अभ्यर्थी के लिए राज्य सरकार या राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा मान्य अध्यापक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को पूर्ण करने की अनिवार्यता है। मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल उस अपील को स्वीकार कर लिया जिसके तहत सरकार ने इस अदालत के एकल न्यायाधीश के 24 सितंबर, 2024 के आदेश को चुनौती दी थी।
एकल न्यायाधीश ने यशांक खंडेलवाल और अन्य नौ लोगों द्वारा दायर रिट याचिका स्वीकार कर ली थी और 9 सितंबर, 2024 के सरकारी आदेश के उपबंध चार को रद्द कर दिया था।
इस याचिका में इंटरमीडिएट प्रमाणपत्र के साथ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में प्राथमिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश की अनुमति देने का अधिकारियों को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था। साथ ही याचिका में दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण में प्रवेश के लिए स्नातक होने की पात्रता वाले सरकारी आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
Also read Delhi HC: लॉ के छात्रों को अटेंडेंस कम होने पर परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जाएगा- दिल्ली हाईकोर्ट
एकल न्यायाधीश ने यह रिट याचिका स्वीकार करते हुए सरकारी आदेश के उपबंध चार को रद्द कर दिया था और राज्य के अधिकारियों को याचिकाकर्ताओं को प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
वहीं, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने प्रथम दृष्टया विभिन्न नियमों और प्रावधानों पर गौर करने के बाद कहा कि यह प्राथमिक पाठशालाओं में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मामला है जिसमें प्रशिक्षण पर खास जोर दिया गया है और कानून की मंशा यह है कि कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार द्वारा मान्य प्रशिक्षण पाठ्यक्रम या एनसीटीई द्वारा अधिसूचित किसी प्रशिक्षण योग्यता तक के लिए नियुक्ति की पात्रता स्नातक होना है।
अदालत ने कहा, “इसलिए वर्ष 1998 से लेकर आज तक प्रत्येक सरकारी आदेश में बीटीसी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक निर्धारित की गई है और यह 1981 के नियमों के अनुरूप है जिसे मनमाना प्रावधान नहीं कहा जा सकता।” इस टिप्पणी के साथ अदालत ने 24 सितंबर, 2024 के एकल न्यायाधीश के निर्णय को पलट दिया और प्रतिवादियों की रिट याचिका खारिज कर दी।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- VBSA Bill: लोकसभा ने 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक' को संयुक्त समिति को भेजने की दी मंजूरी, जानें महत्व
- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज