‘शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए भरी जाएंगी आरक्षित सीटें’ - सीएम नीतीश कुमार

‘शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए 20 प्रतिशत सीट आरक्षित की जानी हैं।

बिहार सरकार ने सदन को बताया कि सरकार द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। (स्त्रोत- एक्स/@NitishKumar)

Press Trust of India | March 18, 2025 | 02:24 PM IST

नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य विधानसभा में कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटों को भरने के लिए कदम उठाए जाएंगे। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर राजद विधायक ललित यादव ने पटना के निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षित सीटों के खाली रहने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने ऐसी खाली सीटों का ‘‘जिलावार’’ ब्योरा और उठाए जा रहे कदमों के बारे में बयान दिए जाने की भी मांग की। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सदन को बताया कि सरकार द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, वह विपक्षी सदस्यों को संतुष्ट करने में विफल रहे और मुख्य विपक्षी दल के सदस्य आसन के समक्ष आ गए तथा ‘‘शिक्षा माफिया’’ और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।

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मुख्यमंत्री ने पहले तो मजाकिया अंदाज में कुछ बार ताली बजाई, फिर खड़े होकर कहा, ‘‘अगर आप मेरी निंदा करते हैं, तो मैं आपकी सराहना करूंगा। आप अपनी बात जारी रख सकते हैं। लेकिन अगर आपकी कोई खास शिकायत है, तो मुझे लिखकर दीजिए। इस पर गौर किया जाएगा।’’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि, ‘‘शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए 20 प्रतिशत सीट आरक्षित की जानी हैं। मैं संबंधित अधिकारियों को मामले की गहनता से जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दे रहा हूं।’’

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