राज्यसभा सदस्य फौजिया खान ने राष्ट्रीय स्कूल परिवहन नीति बनाने की मांग की

फौजिया खान ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है, फिर भी स्कूल परिवहन सुरक्षा के लिए कोई राष्ट्रीय नीति नहीं है।

शून्यकाल के दौरान फौजिया ने स्कूल वाहनों में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करने के लिए एक अध्ययन का हवाला दिया। (इमेज-पीटीआई)
शून्यकाल के दौरान फौजिया ने स्कूल वाहनों में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करने के लिए एक अध्ययन का हवाला दिया। (इमेज-पीटीआई)

Press Trust of India | March 17, 2025 | 06:36 PM IST

नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य फौजिया खान ने सोमवार (17 मार्च) को स्कूल बसों और वैन से होने वाली दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से सभी राज्यों में एक समान सुरक्षा नियम लागू करने के लिए एक राष्ट्रीय स्कूल परिवहन नीति बनाने की मांग की। शून्यकाल के दौरान उन्होंने स्कूल वाहनों में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करने के लिए एक अध्ययन का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि भारतीय कानून स्कूल बसों में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य नहीं बनाता। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राज्यों ने स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए हैं, लेकिन यह व्यवस्था सभी राज्यों में लागू नहीं है।

फौजिया खान ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है, फिर भी स्कूल परिवहन सुरक्षा के लिए कोई राष्ट्रीय नीति नहीं है। कुछ राज्यों ने स्कूल बसों और वैन के लिए नियम बनाए हैं, लेकिन वे ज्यादातर कागजों तक ही सीमित हैं।

स्कूल परिवहन नीति बनाने की अपील

फौजिया खान ने कहा कि बच्चों को ले जाने वाले ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा के लिए भी सुरक्षा नियमों का अभाव है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह सभी राज्यों में एक समान सुरक्षा नियम लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्कूल परिवहन नीति बनाए।

उन्होंने आगे कहा कि स्कूली वाहनों में सीट बेल्ट, सीसीटीवी और जीपीएस अनिवार्य होना चाहिए। ये नियम निजी स्कूलों और ऑटो, वैन, रिक्शा जैसे परिवहन साधनों पर भी लागू होने चाहिए, ताकि सुरक्षा के निर्धारित मानकों को सुनिश्चित किया जा सके।

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ड्राइवरों को नियमित प्रशिक्षण देना

फौजिया खान ने स्कूली वाहनों की गति सीमा और क्षमता से अधिक लोगों को बैठाने के नियमों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी स्कूली वाहनों में आवश्यक सुरक्षा उपकरण होने चाहिए और उनकी नियमित जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्कूलों को शिकायतों के समाधान के लिए एक प्रभावी प्रणाली बनानी चाहिए और ड्राइवरों को नियमित प्रशिक्षण देना चाहिए। एनसीपी (शरद चंद पवार) सदस्य फौजिया खान ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है।

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