QS Sustainability Ranking 2025: आईआईटी दिल्ली 205वें स्थान पर खिसका, प्रमुख संस्थानों की रैंकिंग में भी गिरावट

Santosh Kumar | November 19, 2025 | 03:32 PM IST | 2 mins read

इस वर्ष 26 नई प्रविष्टियों के साथ, भारत उन 4 उच्च शिक्षा प्रणालियों में से एक है, जिनके 100 से अधिक विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में शामिल हैं।

आईआईटी दिल्ली के बाद आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी खड़गपुर का स्थान है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में भारतीय संस्थानों को झटका लगा है। पिछले साल 171वें स्थान पर रहने वाला आईआईटी दिल्ली 205वें स्थान पर खिसक गया है, उसके बाद आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी खड़गपुर का स्थान है। 2023 में रैंकिंग शुरू होने के बाद से स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी पहली बार शीर्ष स्थान पर पहुंच गई है।

टोरंटो विश्वविद्यालय, जिसे 2024 और 2025 की रैंकिंग में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ चुना गया था, इस साल दूसरे स्थान पर खिसक गया है। तीसरा स्थान ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन को मिला, जो पिछले साल 5वें स्थान पर था।

QS Sustainability Ranking 2025: 30 संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट

लंदन स्थित क्यूएस ने एक बयान में कहा, "103 भारतीय विश्वविद्यालयों में से 32 ने इस वर्ष अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, 15 ने पिछले वर्ष की अपनी रैंकिंग बरकरार रखी है तथा 30 की रैंकिंग में गिरावट आई है।"

इसमें कहा गया, ‘‘इस वर्ष रैंकिंग में शामिल 15 आईआईटी में से 6 ने 2025 की तुलना में 2026 में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। आईआईटी दिल्ली उन 6 आईआईटी में से एक है, जिसने 3 साल पहले प्रारंभिक रैंकिंग के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति की है।’’

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QS Sustainability Ranking 2025: 9 संस्थान शीर्ष 700 में शामिल

बयान के अनुसार, रैंकिंग के 2026 संस्करण में कई भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर हासिल किया और 9 संस्थान शीर्ष 700 में शामिल हुए। इनमें वीआईटी, आईआईटी रुड़की, शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंसेज, एलपीयू, पंजाब विश्वविद्यालय, बीएचयू, एनआईटी राउरकेला, आईआईटी-बीएचयू और यूपीईएस शामिल हैं।

क्यूएस की सीईओ जेसिका टर्नर ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालय ज्ञान साझा करने और पर्यावरण संरक्षण में अच्छा काम कर रहे हैं। आईआईटी और दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों का प्रदर्शन भी शानदार है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने और सतत विकास में भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

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