Santosh Kumar | October 21, 2025 | 01:51 PM IST | 2 mins read
जेएनवी 9वीं-11वीं लेटरल एंट्री सिलेक्शन टेस्ट ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्रों को ओएमआर शीट पर उत्तर अंकित करने होंगे।
नई दिल्ली: जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) द्वारा जेएनवी में कक्षा 9 और 11 के लिए आयोजित लेटरल एंट्री सेलेक्शन टेस्ट (जेएनवीएसटी) 2026-27 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। छात्र आधिकारिक वेबसाइट navodaya.gov.in के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इससे पहले आवेदन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर थी। जेएनवीएसटी कक्षा 9-11 में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया 30 जुलाई से चल रही है।
छात्रों को पोर्टल पर पंजीकरण और जरूरी विवरण भरना होगा। साथ ही, जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और शैक्षिक प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आवेदन की अंतिम तिथि के दो दिन बाद तक फॉर्म में सुधार किया जा सकता है।
वेबसाइट के अनुसार, एलईएसटी 2026 हेतु कक्षा 9 और 11 के लिए एप्लीकेशन करेक्शन विंडो 24 से 26 अक्टूबर तक खुली रहेगी। पंजीकृत उम्मीदवार केवल क्षेत्र / लिंग / श्रेणी / परीक्षा माध्यम / विकलांगता में सुधार कर सकते हैं।
जेएनवी लेटरल एंट्री चयन परीक्षा 2026 का आयोजन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा। जेएनवी 9वीं-11वीं लेटरल एंट्री सिलेक्शन टेस्ट ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्रों को ओएमआर शीट पर उत्तर अंकित करने होंगे।
जेएनवी 9वीं-11वीं लेटरल एंट्री चयन परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र निर्धारित तिथि पर जारी किए जाएंगे और आवेदन पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। अभ्यर्थी या उनके अभिभावक लेटरल एंट्री परीक्षा से पहले पोर्टल से इन्हें निःशुल्क डाउनलोड कर सकेंगे।
पात्रता मानदंडों के अनुसार, कक्षा 9 में प्रवेश के लिए, छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 में किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में कक्षा 8 में अध्ययनरत होना चाहिए और उनकी जन्मतिथि 1 मई, 2011 से 31 जुलाई 2013 के बीच होनी चाहिए।
एनवीएस कक्षा 11 के लिए छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कक्षा 10 उत्तीर्ण होना चाहिए और उनकी जन्मतिथि 1 जून 2009 से 31 जुलाई 2011 के बीच होनी चाहिए। केवल भारतीय नागरिक ही आवेदन करने के पात्र हैं।
शिक्षा निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 2024 में ‘एनआईओएस प्रोजेक्ट’ के तहत 10वीं में 7794 बच्चों का पंजीकरण कराया गया था जिनमें से 37 फीसदी यानी 2842 बच्चे ही परीक्षा उत्तीर्ण कर सके।
Santosh Kumar