Press Trust of India | October 16, 2025 | 05:03 PM IST | 1 min read
शिक्षा निदेशालय के एक परिपत्र में कहा गया है कि यह केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार 2025-26 के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत अपने सरकारी स्कूलों का सामाजिक ऑडिट कराएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी अधिकार छात्रों को समय पर और समान रूप से प्रदान किए जाएं।
शहर के लगभग 60 प्रतिशत सरकारी स्कूल इस ऑडिट के दायरे में आएंगे। शिक्षा निदेशालय के एक परिपत्र में कहा गया है कि यह केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
दिल्ली में ऑडिट के लिए कुल बजट 3.73 करोड़ रुपये निर्धारित है। चयनित संस्थान सामाजिक लेखा परीक्षकों को प्रशिक्षित करने, क्षेत्र का दौरा करने, रिपोर्ट तैयार करने और निष्कर्षों को ऑनलाइन अपलोड करने के लिए जिम्मेदार होगा।
सामाजिक ऑडिट ऐसे विश्वविद्यालयों, कॉलेजों द्वारा होगा जिनकी एनएएसी रेटिंग ‘बी प्लस’ या उससे अधिक है। इसका उद्देश्य यह देखना है कि छात्रों को आरटीई अधिनियम और समग्र शिक्षा के तहत उनके अधिकार सही और समय पर मिल रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि यह स्कूल के बुनियादी ढांचे जैसे कक्षाएं, शौचालय, पेयजल और बिजली आपूर्ति की स्थिति की भी जांच करेगा और छात्रों, विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा की समीक्षा भी करेगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सामाजिक ऑडिट से जमीनी स्तर पर उन मुद्दों की पहचान करने में मदद मिलने की उम्मीद है जो नियमित निगरानी के दौरान सामने नहीं आ पाते हैं। इससे सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने में मदद मिलेगी।’’
समग्र शिक्षा केंद्र की यह योजना 2018 में कक्षा 1 से 12 तक की स्कूली शिक्षा सुधार के लिए शुरू की गई थी। सामाजिक ऑडिट स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा से संबंधित किसी भी लापरवाही के प्रति सरकार की "जीरो टॉलरेंस नीति" को मजबूत करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने की और मुख्य अतिथि के रूप में उप निदेशक/विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) दीपक यादव, आईपीएस उपस्थित थे।
Santosh Kumar