Santosh Kumar | October 16, 2025 | 03:17 PM IST | 1 min read
देशभर के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से चुने गए लगभग 600 छात्र, शिक्षक और मेंटर की कुल 71 टीम राष्ट्रीय फाइनल में पहुंची हैं।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के हरे-भरे खेत इस महीने के अंत में देशभर से आने वाले करीब 600 विद्यार्थियों की हलचल से गुलजार होंगे, जब यहां मॉडल रॉकेट्री प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। ‘कैनसैट इंडिया स्टूडेंट प्रतियोगिता’ में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र उपग्रह बनाने, उन्हें एक किलोमीटर ऊंचाई तक प्रक्षेपित करने, विभिन्न पेलोड के माध्यम से आंकड़े जुटाने और पैराशूट की मदद से रॉकेट तथा उपग्रह को सुरक्षित वापस लाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
इन-स्पेस में संवर्धन निदेशालय के निदेशक विनोद कुमार ने कहा, “यह प्रतियोगिता छात्रों को उपग्रह मिशनों का वास्तविक अनुभव प्रदान करेगी और भारत के तेजी से बढ़ते अंतरिक्ष क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए उन्हें तैयार करेगी।”
इस प्रतियोगिता का आयोजन इन-स्पेस, इसरो और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर कर रहा है। प्रतियोगिता का फाइनल राउंड 27 से 30 अक्टूबर तक कुशीनगर के तुमकुहीराज में नारायणी नदी के किनारे आयोजित किया जाएगा।
इसके लिए नदी किनारे एक खेत में 7 अस्थायी प्रक्षेपण स्थल बनाए गए हैं, जहां 4 दिन में छात्र 70 से अधिक रॉकेट प्रक्षेपित करेंगे। देशभर के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से चुने गए लगभग 600 छात्र, शिक्षक और मेंटर की कुल 71 टीम राष्ट्रीय फाइनल में पहुंची हैं।
इनमें 36 टीम ‘कैनसैट’ श्रेणी में और 35 टीम ‘मॉडल रॉकेट्री’ श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करेंगी। यह प्रतियोगिता देवरिया से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य शशांक मणि के सहयोग से आयोजित की जा रही है।
मणि ने कहा, “यह प्रतियोगिता इस क्षेत्र की कल्पनाशक्ति को प्रोत्साहित करेगी और अंतरिक्ष जागरूकता की संस्कृति को बढ़ावा देगी। मेरे संसदीय क्षेत्र की 10-वर्षीय विकास रणनीति है जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल दिया गया है।”
इनपुट्स-पीटीआई