NFSU Campus: देश में बनेगा राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का कैंपस, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
इस योजना का उद्देश्य साक्ष्यों की वैज्ञानिक और समय पर फोरेंसिक जांच के आधार पर एक कुशल आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करना है।
Santosh Kumar | June 19, 2024 | 10:16 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (19 जून) को "राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना" (एनएफएलईएस) को मंजूरी दे दी। इसके तहत शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक परिसरों, प्रयोगशालाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर 2,254.43 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के नए परिसर स्थापित किए जाएंगे।
इस योजना का उद्देश्य साक्ष्यों की वैज्ञानिक और समय पर फोरेंसिक जांच के आधार पर एक कुशल आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करना है। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना के अंतर्गत निम्नलिखित घटकों को मंजूरी दी है-
- देश में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के परिसरों की स्थापना।
- देश में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना।
- एनएफएसयू के दिल्ली परिसर के मौजूदा बुनियादी ढांचे का संवर्धन।
आपराधिक न्याय प्रणाली में एक बड़ा सुधार होने जा रहा है, जो 1 जुलाई 2024 से लागू होगा। इसके तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) क्रमशः भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लेंगे।
Also read आरटीई और पीएम-पोषण के तहत जरूरतमंद बच्चों को मिलें मुफ्त सुविधाएं, शिक्षा मंत्रालय का निर्देश
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के अनुसार, कम से कम 7 साल की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच अनिवार्य है। इसका मतलब है कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फोरेंसिक विशेषज्ञ अपराध स्थलों पर साक्ष्य एकत्र करें और रिकॉर्ड करें। और अगर किसी राज्य में यह सुविधा नहीं है, तो उन्हें दूसरे राज्य की मदद लेने की अनुमति है।
जनवरी 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार एक साल के भीतर देश भर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के 9 और परिसर स्थापित करेगी। उन्होंने आपराधिक न्याय प्रणाली, प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक जांच को एकीकृत करने में चुनौतियों के बारे में भी बात की।
राष्ट्रीय फोरेंसिक बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश और वृद्धि जरूरी है। राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के अलावा नई केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (CFSL) और ऑफ-कैंपस की स्थापना से प्रशिक्षित फोरेंसिक जनशक्ति की कमी दूर होगी, फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में केस लोड/पेंडेंसी कम होगी और यह भारत सरकार के 90% से अधिक की उच्च सजा दर सुनिश्चित करने के लक्ष्य के अनुरूप है।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- Parakh Rashtriya Sarvekshan: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा- स्कूली शिक्षा की स्थिति चिंताजनक, मोदी सरकार उदासीन
- Bihar Govt Jobs: 35% आरक्षण अब सिर्फ बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए, बीपीएससी ने जारी की अधिसूचना
- NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कितनी सीटें? पिछले साल हुई बढ़ोतरी, जानें राज्यवार डिटेल
- Israel-Iran Conflict: सुरक्षा कारणों से तेहरान से भारतीय छात्रों को निकाला गया, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
- UP Police Joining Letter: यूपी पुलिस में एक साथ भर्ती हुए सेवानिवृत्त फौजी और उनके बेटे को मिला नियुक्त पत्र
- Teachers Protest: यूपी में 7 साल से नहीं आई कोई शिक्षक भर्ती, बेरोजगारों ने आयोग दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन
- NEET UG 2025: नीट यूजी आंसर की जल्द; सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें एम्स कटऑफ
- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ