IITs: देश के 5 नए आईआईटी संस्थानों को विस्तार की मिली मंजूरी, चार वर्षों में 11,828.79 करोड़ रुपए होंगे खर्च

विस्तार वाले देश के पांच नए IITs में आईआईटी तिरुपति, आईआईटी पलक्कड़, आईआईटी भिलाई, आईआईटी जम्मू और आईआईटी धारवाड़ शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में इन IITs में विस्तार की घोषणा की थी। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट/IIT Jammu)

Press Trust of India | May 7, 2025 | 04:48 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर और कर्नाटक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित 5 नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की शैक्षणिक और अवसंरचना क्षमता (चरण-बी निर्माण) के विस्तार को बुधवार (7 मई, 2025) को स्वीकृति दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित विस्तार की कुल लागत 2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों की अवधि में 11,828.79 करोड़ रुपए आंकी गई है।

मंत्रिमंडल ने इन आईआईटी में प्रोफेसर स्तर के 130 संकाय पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी। बयान के अनुसार उद्योग-अकादमिक संबंधों को मजबूत करने के लिए पांच नए अत्याधुनिक अनुसंधान पार्क भी बनाए जा रहे हैं। ये आईआईटी आंध्र प्रदेश (आईआईटी तिरुपति), केरल (आईआईटी पलक्कड़), छत्तीसगढ़ (आईआईटी भिलाई), जम्मू कश्मीर (आईआईटी जम्मू) और कर्नाटक (आईआईटी धारवाड़) हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘इन आईआईटी में विद्यार्थियों की संख्या अगले चार वर्षों में 6500 से अधिक बढ़ेगी, जिसमें स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) और पीएचडी कार्यक्रम में प्रथम वर्ष में 1364 विद्यार्थी, द्वितीय वर्ष में 1738 विद्यार्थी, तृतीय वर्ष में 1767 विद्यार्थी और चतुर्थ वर्ष में 1707 विद्यार्थी बढ़ेंगे।

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बयान में कहा गया है, ‘‘निर्माण पूरा होने पर, ये पांच आईआईटी 7,111 की वर्तमान विद्यार्थी संख्या की तुलना में 13,687 विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे, यानी 6,576 विद्यार्थियों की वृद्धि होगी। सीट की कुल संख्या में इस वृद्धि के साथ, अब 6,500 से अधिक अतिरिक्त विद्यार्थी देश के सबसे प्रतिष्ठित और मांग वाले शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन करने की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे।’’

आगे कहा गया कि, ‘‘यह कुशल कार्यबल का निर्माण करके, नवाचार को बढ़ावा देकर और आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा देगा। यह सामाजिक गतिशीलता को बढ़ाता है, शैक्षिक असमानता को कम करता है और भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करता है।’’

आईआईटी परिसरों के विस्तार से आवास, परिवहन और सेवाओं की मांग बढ़ाकर स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। पलक्कड़ और तिरुपति में आईआईटी का शैक्षणिक सत्र 2015-16 में और शेष तीन आईआईटी का शैक्षणिक सत्र 2016-17 में उनके अस्थायी परिसरों से शुरू हुआ था। ये आईआईटी अब अपने स्थायी परिसरों से संचालित हो रहे हैं।

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