IIM Sambalpur: आईआईएम संबलपुर में ‘अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परिप्रेक्ष्य सम्मेलन 2025’ आयोजित
इंटरनेशनल मैनेजमेंट पर्सपेक्टिव कांफ्रेंस 2025 में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से 500 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।
Abhay Pratap Singh | February 1, 2025 | 03:52 PM IST
नई दिल्ली: आईआईएम संबलपुर (IIM Sambalpur) ने अपने परिसर में “डिजिटलीकरण, उद्यमिता और स्थिरता” विषय पर वार्षिक ‘अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परिप्रेक्ष्य सम्मेलन 2025’ (IMPeC 2025) का आयोजन किया। तीन दिवसीय IMPeC सम्मेलन का उद्देश्य देश में प्रबंधन शिक्षा, अनुसंधान और नीति-निर्माण के भविष्य को आकार देना तथा उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा, इंटरनेशनल मैनेजमेंट पर्सपेक्टिव कांफ्रेंस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों के लिए शोध विचारों को प्रसारित करने और संभावित स्कॉलर के सहयोग और नेटवर्किंग का पता लगाने के अवसर भी प्रदान किए। सम्मेलन के दौरान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से 500 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “विकसित भारत 2047 के व्यापक दृष्टिकोण में प्रमुख आवश्यकता कुशल मानव पूंजी है, जहां शिक्षा जगत इन तीन (डिजिटलीकरण, उद्यमिता और स्थिरता) परिवर्तनकारी विषयों का नेतृत्व करने के लिए सक्षम प्रबंधकों और लीडर्स को विकसित करके महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।”
IMPeC 2025 में विभिन्न पूर्ण सत्र, पैनल चर्चाएं और विभिन्न क्षेत्रों में पेपर प्रस्तुतियां भी शामिल थीं, जिनमें भविष्य के कार्य में चुनौतियां और अवसर, जलवायु लचीलापन और हितधारक जुड़ाव के लिए रणनीतियां, आर्थिक विकास के लिए भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाना और पब्लिशिंग एंड एकेडमिक रिसर्च एक्सीलेंस पर स्कॉलर्स का मार्गदर्शन शामिल था।
समारोह में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) केशव राव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। वहीं, पैनल चर्चा में आईआईटी भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. श्रीपाद कर्मलकर और आईआईएम तिरुचिरापल्ली के निदेशक डॉ. पवन कुमार सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम को केशव राव और आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रो महादेव जयसवाल ने संबोधित भी किया।
ग्लोबल एकेडमिक एम्बेसडर जेएमपी (एसएएस) प्रमुख डॉ. मुरलीधर आनंदमूर्ति द्वारा सांख्यिकीय खोज पर एक विशेष जेएमपी कार्यशाला भी आयोजित की गई।
इस आयोजन में आईआईटी, आईआईएम, क्षेत्रीय कॉलेज और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में हिस्सा लिया। आईआईटी संस्थानों में आईआईटी इंदौर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी बॉम्बे सहित 4 संस्थानों ने ऑनलाइन भाग लिया, जबकि आईआईटी धनबाद, आईआईटी रुड़की और आईआईटी दिल्ली सहित 3 संस्थानों ने ऑफलाइन भाग लिया।
इसी तरह, आईआईएम- इंदौर, नागपुर, संबलपुर और रायपुर ऑनलाइन शामिल हुए, जबकि आईआईएम संबलपुर, आईआईएम सिरमौर, आईआईएम कलकत्ता और आईआईएम रांची ने ऑफलाइन भाग लिया। क्षेत्रीय कॉलेजों में 119 ने ऑनलाइन और 129 ने ऑफलाइन भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, ब्रेमेन (जर्मनी), ट्विलियो (यूएसए) और फातिमा कॉलेज ऑफ हेल्थ साइंसेज (यूएई) के शोधकर्ताओं ने ऑनलाइन योगदान दिया, जबकि मानव संसाधन मंत्रालय (इंडोनेशिया) ने ऑफलाइन भाग लिया।
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