IIT Roorkee: आईआईटी रुड़की ने शहरी लचीलेपन के लिए व्यक्तिगत ताप तनाव चेतावनी प्रणाली विकसित की
प्रो महुआ मुखर्जी, प्रो पीयूष श्रीवास्तव एवं क्षितिज कक्कड़ ने वास्तविक समय, व्यक्तिगत अलर्ट पर उन्नत अध्ययन का नेतृत्व किया।
Abhay Pratap Singh | May 6, 2025 | 12:44 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT Roorkee) ने शहरी जलवायु लचीलापन और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से व्यक्तिगत ताप तनाव चेतावनी प्रणाली (Personalized Heat Stress Warning System) विकसित की है। यह इनोवेटिव सिस्टम ताप तनाव के लिए पहले से चेतावनी देने हेतु व्यक्तिगत संवेदनशीलता और जोखिम डेटा के साथ यूनिवर्सल थर्मल क्लाइमेट इंडेक्स (यूटीसीआई) का लाभ उठाती है।
पांच दिन पहले तक जोखिमों का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम व्यक्तिगत हीट स्ट्रेस रिस्क इंडेक्स (एचएसआरआईएफ) प्रणाली उच्च-रिजॉल्यूशन वाले मौसम संबंधी इनपुट को व्यक्तिगत विशेषताओं जैसे कि उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति और दैनिक दिनचर्या के साथ एकीकृत करता है।
प्रेस रिलीज के अनुसार, “वास्तविक समय के पर्यावरणीय डेटा और एडवांस पूर्वानुमान मॉडलिंग का उपयोग करके यह प्रणाली व्यक्तियों, विशेष रूप से गर्मी-प्रवण शहरी वातावरण में रहने वाले लोगों को सूचित निर्णय लेने और समय पर सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए सशक्त बनाती है।”
“यह व्यक्तिगत दृष्टिकोण जलवायु अनुकूलन रणनीतियों में एक महत्वपूर्ण अंतर को संबोधित करता है, जो प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और जलवायु-संवेदनशील शहरी नियोजन पर केंद्रित वैश्विक पहलों के साथ संरेखित होता है।”
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आगे कहा गया कि, शहरी आबादी खास तौर पर घनी आबादी वाले शहरों में रहने वाले लोग, जहां हरित बुनियादी ढांचे की कमी है, अत्यधिक गर्मी के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। इस उन्नत प्रणाली में बढ़ते तापमान से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बोझ को कम करने की क्षमता है।
लेखक क्षितिज कक्कड़ (पीएमआरएफ स्कॉलर), वास्तुकला एवं नियोजन विभाग से प्रो महुआ मुखर्जी और आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र से प्रो पीयूष श्रीवास्तव ने इस अंतर-विषयक शोध का नेतृत्व किया। शहरी आकृति विज्ञान एवं जलवायु लचीलेपन के क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रो मुखर्जी और प्रो श्रीवास्तव ने परियोजना को इसके अवधारणाकरण, जांच, सत्यापन, दृश्य और समीक्षा चरणों के माध्यम से निर्देशित किया।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो कमल किशोर पंत ने कहा, “यह कार्य वैश्विक स्थिरता और शहरी कल्याण को प्रभावित करने वाले ठोस, उन्नत समाधानों में योगदान देने के हमारे मिशन को दर्शाता है।”
प्रो महुआ मुखर्जी ने कहा, “यह प्रणाली व्यक्तियों एवं शहरी समुदायों को जलवायु चुनौतियों के अनुकूल होने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। व्यक्तिगत अलर्ट समय पर, सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं जो जीवन बचा सकते हैं और गर्मी के तनाव के प्रति लचीलापन बढ़ा सकते हैं।”
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