IIT Madras ने ‘स्ट्रैटेजिक लीडरशिप एंड पब्लिक पॉलिसी’ में एग्जिक्यूटिव एमबीए के लिए एनडीसी के साथ समझौता किया
इस कार्यक्रम में सालाना 120 सदस्यों को प्रवेश दिया जाएगा। जिनमें सशस्त्र बलों, सिविल सेवाओं, पुलिस सेवाओं और अन्य सरकारी सेवाओं के अलावा मित्र राष्ट्रों के अधिकारी शामिल होंगे।
Abhay Pratap Singh | September 5, 2024 | 02:16 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) ने ‘स्ट्रैटेजिक लीडरशिप एंड पब्लिक पॉलिसी’ में एग्जिक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम की पेशकश के लिए राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (NDC) के साथ समझौता किया है। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज एक इंटर-सर्विसेज ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है।
यह उपयोगकर्ता-उन्मुख कार्यक्रम (User-Oriented Program) एक वर्ष तक चलेगा। एग्जिक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम 48 सप्ताह की अवधि का होगा। जिसमें व्याख्यान-आधारित पाठ्यक्रम और थीसिस सहित व्यावहारिक मॉड्यूल शामिल होंगे।
आईआईटी मद्रास के डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एवं एयरोस्पेस डिपार्टमेंट तथा अन्य विभागों के संकाय सदस्य, एनडीसी के संकाय तथा विषय विशेषज्ञ राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में इस कार्यक्रम को पढ़ाएंगे।
इसका उद्देश्य भारत की सशस्त्र सेनाओं और मित्र देशों के चयनित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ भारत की नागरिक सरकारी सेवाओं (आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, डीआरडीओ, आदि) के चयनित वरिष्ठ अधिकारियों का बौद्धिक विकास और रणनीतिक संस्कृतिकरण करके उन्हें उच्च नेतृत्व वाले पदों पर नियुक्त करना है।
इस कार्यक्रम के लिए एक समझौता ज्ञापन पर 27 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के प्रोफेसर एंड हेड प्रो एम. थेनमोझी और एनडीसी के सचिव ब्रिगेडियर राजेश रमन द्वारा आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो वी. कामकोटि और रक्षा मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव दीप्ति मोहिल चावला की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो वी. कामकोटी ने कहा, “अगली पीढ़ी की दुनिया को समकालीन तकनीकों की गहरी समझ रखने वाले प्रबंधकों की आवश्यकता है। इस एमबीए कार्यक्रम की परिकल्पना इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई है।”
इस कार्यक्रम में भारतीय सशस्त्र बलों, भारतीय सिविल सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और सरकार के अन्य विभागों से 120 सदस्य शामिल होंगे। उन्हें कड़ी जांच प्रक्रिया के बाद चुना जाएगा। इस पाठ्यक्रम में मित्र देशों के अधिकारी भी शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम के लिए पात्र सेवा अधिकारी सामान्यतः ब्रिगेडियर या समकक्ष होते हैं, जबकि सिविल और राजनयिक सेवा अधिकारी भारत सरकार के निदेशक/संयुक्त सचिव स्तर के होते हैं।
इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य पाठ्यक्रम में प्रौद्योगिकी आधारित नेतृत्व और नीतिगत मुद्दों को एकीकृत करना तथा रणनीतिक निर्णयों में एआई, साइबर सुरक्षा और उभरती प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के ज्ञान के साथ भविष्य के नेताओं को विकसित करना है।
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