IIT Jodhpur ने एप्लाइड एआई और डेटा साइंस में शुरू किया बीएससी/बीएस डिग्री प्रोग्राम, जानें पात्रता
Santosh Kumar | September 9, 2024 | 05:43 PM IST | 2 mins read
आईआईटी जोधपुर के निदेशक अविनाश अग्रवाल ने कहा कि हमें एक नए शिक्षा मॉडल की जरूरत है जो वैश्विक समस्याओं का समाधान कर सके।
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (आईआईटी जोधपुर) ने आज, 9 सितंबर को फ्यूचरेंस यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में एप्लाइड एआई और डेटा साइंस में बीएससी/बीएस डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की। आईआईटी जोधपुर के अनुसार, यह नया कार्यक्रम एआई और डेटा साइंस के तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। इस प्रोग्राम के लिए जेईई की योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
यह डिग्री छात्रों और कामकाजी पेशेवरों दोनों के लिए डिजाइन की गई है। यह प्रोग्राम ऑनलाइन होगा, लेकिन इसमें कुछ कैंपस इमर्शन घटक भी होंगे, जिससे हर साल छात्रों को आईआईटी जोधपुर कैंपस का दौरा करने का मौका मिलेगा।
दिलचस्प बात यह है कि छात्र पहले साल में सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में बीएससी डिग्री और चौथे साल के अंत में बीएस डिग्री हासिल कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया में योग्यता परीक्षा देना, पूरा आवेदन पत्र भरना और आईआईटी जोधपुर से ऑफर लेटर प्राप्त करना शामिल है।
छात्र वीडियो व्याख्यान, प्रश्नोत्तरी, और असाइनमेंट में हिस्सा लेंगे। सप्ताहांत में संकाय और उद्योग के विशेषज्ञ लाइव व्याख्यान भी देंगे। आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल ने कहा कि हमें एक नए शिक्षा मॉडल की जरूरत है जो वैश्विक समस्याओं का समाधान कर सके।
अग्रवाल ने कहा, "मानवाधिकार, सतत विकास और वैश्विक कल्याण जैसी समस्याओं के लिए नए समाधानों की आवश्यकता है। हमें पारंपरिक शिक्षा से आगे बढ़कर नए दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य एप्लाइड एआई और डेटा साइंस प्रोग्राम के छात्रों को आधुनिक कौशल प्रदान करना है।"
फ्यूचरेंस के सीईओ राघव गुप्ता ने कहा, "एआई तेजी से उद्योगों को बदल रहा है, और अनुमान है कि 80% नौकरियां एआई से प्रभावित होंगी। आईआईटी जोधपुर के साथ हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों को एआई-संचालित दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करती है।"
यह कोर्स एआई में एक मजबूत आधार प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें 100 से अधिक उन्नत एआई टूल और डेविन एआई, क्लाउड आदि जैसी नई तकनीकों के साथ व्यावहारिक अनुभव भी शामिल है।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- VBSA Bill: लोकसभा ने 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक' को संयुक्त समिति को भेजने की दी मंजूरी, जानें महत्व
- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज