IIT Delhi के शोधकर्ताओं ने डेटा भंडारण और एन्क्रिप्शन के लिए विकसित किया नया पॉलिमर
Santosh Kumar | September 24, 2024 | 04:54 PM IST | 2 mins read
संस्थान की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की प्रगति चुनौतियों को बढ़ा रही है।
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने 'साइक्लिक ट्रांसपेरेंट ऑप्टिकल पॉलीमर (CYTOP)' नामक एक नई तकनीक विकसित की है। इस तकनीक से डेटा स्टोरेज और एन्क्रिप्शन के लिए बेहतर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस पॉलीमर के इस्तेमाल से डेटा की सुरक्षा और स्टोरेज क्षमता में काफी सुधार होगा।
संस्थान की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की प्रगति चुनौतियों को बढ़ा रही है। ये तकनीकें बहुत सारा डेटा उत्पन्न करती हैं या डेटा पर निर्भर होती हैं। इसलिए संवेदनशील सूचनाओं के सुरक्षित आदान-प्रदान के लिए नए तरीकों की जरूरत है।
शोध के पीछे चार सदस्यीय टीम
CYTOP के रूप में प्रस्तावित तकनीक बहुक्रियाशील है और इसे विभिन्न सामग्रियों पर लागू किया जा सकता है। इससे कई तरह के अनुप्रयोगों की संभावना खुलती है, जिसमें वर्षा जल से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन, जल गुणवत्ता निगरानी के लिए रासायनिक संवेदन आदि शामिल हैं।
स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च (एसआईआरई) की शोध छात्रा शालिनी सिंह ने जर्मनी के प्रोफेसर स्टीफन ए.एल. वेबर के सहयोग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर धीमान मलिक और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर अंकुर गोस्वामी के मार्गदर्शन में यह अध्ययन किया।
संस्थान के प्रोफेसर ने इस पर क्या कहा?
अध्ययन में पाया गया कि CYTOP किए गए चार्ज को लंबे समय तक बनाए रख सकता है, जो अन्य सामग्रियों में संभव नहीं है। CYTOP की इस विशेषता का उपयोग नैनोस्केल पर सूचना लिखने के लिए किया जा सकता है, जिसे बाद में केवल इलेक्ट्रोस्टेटिक फोर्स माइक्रोस्कोपी (ईएफएम) से ही पढ़ा जा सकता है।
वर्तमान अध्ययन से पता चला है कि एक उपयुक्त चार्ज इंजेक्शन तंत्र का उपयोग करके इलेक्ट्रेट सब्सट्रेट पर जानकारी लिखी जा सकती है, जिसे विशेष प्रोटोकॉल के तहत पुनः प्राप्त किया जा सकता है। लिखी गई जानकारी ऑप्टिकल या इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप में दिखाई नहीं देगी।
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर धीमान मलिक ने कहा, "साइटॉप ने इस मोर्चे पर महत्वपूर्ण संभावनाएं दिखाई हैं, जिसमें 100 से अधिक वर्षों तक चार्ज बनाए रखने की क्षमता है।" अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएं- https://pubs.acs.org/doi/10.1021/acs.langmuir.4c01504
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट
- Govt Survey: एक तिहाई स्कूली बच्चे लेते हैं निजी कोचिंग, शहरों में यह प्रवृत्ति अधिक, सरकारी सर्वे में खुलासा
- NEET PG 2025 Result: नीट पीजी रिजल्ट 3 सितंबर तक होगा जारी, लाखों उम्मीदवारों को इंतजार, जानें अपेक्षित कटऑफ
- Coursera Global Skills Report 2025: भारत वैश्विक रैंकिंग में 89वें स्थान पर, एआई और टेक स्किल की मांग में तेजी
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता, फीस और रैंक जानें
- NEET UG 2025 Counselling: एम्स दिल्ली के लिए नीट में कितने मार्क्स चाहिए? जानें संभावित कैटेगरी वाइज कटऑफ
- Parakh Rashtriya Sarvekshan: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा- स्कूली शिक्षा की स्थिति चिंताजनक, मोदी सरकार उदासीन
- Bihar Govt Jobs: 35% आरक्षण अब सिर्फ बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए, बीपीएससी ने जारी की अधिसूचना