IIM Mumbai: आईआईएम मुंबई ने सस्टेनेबिलिटी मैनेजमेंट में एमबीए प्रोग्राम के लिए आवेदन आमंत्रित किए
आईआईएम मुंबई के सस्टेनेबिलिटी मैनेजमेंट एमबीए प्रोग्राम में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक की डिग्री वाले कैंडिडेट आवेदन कर सकते हैं।
Abhay Pratap Singh | November 13, 2024 | 06:12 PM IST
नई दिल्ली: आईआईएम मुंबई (पूर्व में NITIE) ने सस्टेनेबिलिटी मैनेजमेंट में एमबीए प्रोग्राम के लिए प्रवेश शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य ऐसे लीडर्स को सशक्त बनाना है जो सकारात्मक पर्यावरण और सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए तैयार हैं।
यह एमबीए कार्यक्रम उन व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया गया है जो स्थिरता में प्रभाव डालने के लिए उत्सुक हैं, और उन्हें उभरते वैश्विक व्यापार परिदृश्य में मार्गदर्शन और नेतृत्व करने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और रणनीतिक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि, सस्टेनेबिलिटी को मुख्य प्रबंधन सिद्धांतों के साथ एकीकृत करके, पाठ्यक्रम का लक्ष्य ऐसे लीडर्स का निर्माण करना है जो पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं को संतुलित करते हुए उद्योगों में सार्थक बदलाव ला सकें।
न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों (एससी/एसटी/दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए 45 प्रतिशत) के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले उम्मीदवार इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए पात्र है। कार्यक्रम के लिए पंजीकरण करने की अंतिम तिथि CAT 2024 स्कोर के माध्यम से 31 जनवरी, 2025 है ।
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आईआईएम मुंबई के अनुसार, यह कार्यक्रम बहु-विषयक दृष्टिकोण पर जोर देता है, जिसमें पर्यावरण विज्ञान, नीति-निर्माण, नैतिकता, कॉर्पोरेट जिम्मेदारी और संधारणीय व्यवसाय रणनीतियों को ट्रेडिशनल एमबीए कोर्स में एकीकृत किया जाता है। कार्यक्रम में व्यावहारिक शिक्षा, उद्योग सहयोग और संधारणीयता नेताओं से केस स्टडी भी शामिल होगी।
MBA in sustainability management will enable students to: यह प्रोग्राम छात्रों को सक्षम बनाएगा
सस्टेनेबिलिटी मैनेजमेंट में एमबीए छात्रों को संचालन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और व्यावसायिक रणनीति को स्थिरता, पर्यावरण प्रबंधन, सुरक्षा प्रबंधन और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के साथ एकीकृत करने में सक्षम करेगा, जो सभी व्यापक ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) फ्रेमवर्क द्वारा निर्देशित होंगे।
यह पर्यावरण, सामाजिक कानूनों और नीतियों तथा ईएसजी विश्लेषण के क्षेत्र का अन्वेषण करने का भी प्रयास करता है तथा छात्रों को ऐसे विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सशक्त बनाता है जो ईएसजी सिद्धांतों के साथ सहजता से संरेखित हों।
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