श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने सामग्री लागत में 9.50% की वृद्धि की है।
Abhay Pratap Singh | April 10, 2025 | 02:33 PM IST
नई दिल्ली: पीएम पोषण योजना (PM POSHAN Scheme) के तहत 10.36 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में बालवाटिका व कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले 11.20 करोड़ छात्रों को भोजन दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य पोषण संबंधी सहायता प्रदान करना तथा विद्यार्थियों की स्कूल में भागीदारी बढ़ाना है।
पीआईबी के अनुसार, सामग्री लागत के अलावा भारत सरकार लगभग 26 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत खाद्यान्न लागत सहित सभी घटकों को जोड़ने के बाद प्रति भोजन लागत बाल वाटिका और प्राथमिक कक्षाओं के लिए लगभग 12.13 रुपए और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 17.62 रुपए आती है।
पीएम पोषण योजना के अंतर्गत भोजन पकाने के लिए आवश्यक ‘सामग्री लागत’ की जांच नीचे सारणी में कर सकते हैं:
सामग्री | प्रति छात्र प्रति भोजन मात्रा | |
---|---|---|
बाल वाटिक एवं प्राथमिक | उच्च प्राथमिक | |
दालें | 20 ग्राम | 30 ग्राम |
सब्जियां | 50 ग्राम | 75 ग्राम |
तेल | 5 ग्राम | 7.5 ग्राम |
मसाले | आवश्यकतानुसार | आवश्यकतानुसार |
ईंधन | आवश्यकतानुसार | आवश्यकतानुसार |
Also readRTE Lottery Result 2025: आरटीई राजस्थान लॉटरी रिजल्ट rajpsp.nic.in पर जारी, महत्वपूर्ण तिथियां जानें
श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 'सामग्री लागत' में 9.50% की वृद्धि की है। नई दरें 1 मई, 2025 से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगी। इस वृद्धि के कारण केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 954 करोड़ रुपए की अतिरिक्त लागत वहन करेगी। प्रति छात्र प्रति दिन सामग्री लागत इस प्रकार है: -
कक्षा | मौजूता सामग्री | 1 मई, 2025 से सामग्री लागत में वृद्धि | वृद्धि |
---|---|---|---|
बाल वाटिका | 6.19 | 6.78 | 0.59 |
प्राथमिक | 6.19 | 6.78 | 0.59 |
उच्च प्राथमिक | 9.29 | 10.17 | 0.88 |
पीआईबी के अनुसार, सामग्री लागत की ये दरें न्यूनतम अनिवार्य दरें हैं। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अपने निर्धारित हिस्से से अधिक योगदान करने के लिए स्वतंत्र हैं, क्योंकि कुछ राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पीएम पोषण योजना के अंतर्गत संवर्धित पोषण के साथ भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपने स्वयं के संसाधनों से न्यूनतम अनिवार्य हिस्से से अधिक योगदान कर रहे हैं।