जांच में मामला संदिग्ध मिलने पर तीन अक्टूबर 2024 को कर्मियों से काम नहीं लेने और उनके वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया।
Abhay Pratap Singh | February 23, 2025 | 12:54 PM IST
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में दो महिलाओं समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रविवार (23 फरवरी) को यह जानकारी दी है।
पुलिस के अनुसार, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ विजय पति द्विवेदी की शिकायत पर बलिया शहर कोतवाली में शनिवार रात चंद्रा, गीता यादव, उपेन्द्र , जितेंद्र यादव, संतोष कुमार, अनिल कुमार, अजय कुमार, विकास यादव, आशीष कुमार सिंह, अनिल , संदीप कुमार, शिवम यादव, विवेक कुमार, अंकित कुमार और राहुल के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 409 , 419 , 420 (धोखाधड़ी) , 468 , 471 (दस्तावेजों में हेरफेर) और 120 बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सभी आरोपी बलिया जिले के ही रहने वाले हैं। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय पति द्विवेदी ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सभी आरोपी जिले के विभिन्न प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ नर्स के पद पर तैनात थे।
डॉ द्विवेदी के मुताबिक उन्हें पता चला कि जिले के विभिन्न प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुछ तथाकथित कर्मचारी फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए सात सदस्यीय जांच टीम गठित कर मामले की जांच कराई गई।
जांच में मामला संदिग्ध मिलने पर तीन अक्टूबर 2024 को कर्मियों से काम नहीं लेने और उनके वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कर्मचारियों को नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों का भी सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया।
सीएमओ डॉ विजय पति द्विवेदी ने बताया कि इस निर्देश के बाद सभी कर्मी फरार हो गए साथ ही स्वास्थ्य निदेशालय ने जांच के बाद स्पष्ट किया कि नियुक्तियां अवैध हैं। मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है।