RPSC RAS Paper Leak: आरएएस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के प्रमुख आरोपी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

Press Trust of India | August 26, 2025 | 09:40 PM IST | 2 mins read

पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने जुलाई 2014 में पेपर लीक मामले में अमृत लाल (55) को अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था।

भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद इसकी जांच एसओजी को सौंपी गई। बाद में यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद इसकी जांच एसओजी को सौंपी गई। बाद में यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

जयपुर: राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) भर्ती परीक्षा-2013 पेपर लीक प्रकरण के कथित 'मास्टरमाइंड' की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपी अमृत लाल मीणा की उत्तर प्रदेश के वाराणसी से जयपुर लाए जाने के दौरान मौत हो गई।

पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने जुलाई 2014 में पेपर लीक मामले में अमृत लाल (55) को अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था। वह करौली में एक कॉलेज व्याख्याता था और बाद में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

करौली जिले के नादौती थाने के प्रभारी वीर सिंह ने बताया कि मीणा के परिवार के सदस्यों को आरके सिंह नामक व्यक्ति ने सूचना दी थी कि मीणा को वाराणसी के सिगारा थाना क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

परिवार ने हत्या का मामला दर्ज कराया

परिवार के सदस्य वहां गए और 24 अगस्त को उसे एम्बुलेंस से जयपुर ले जा रहे थे तभी रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। थाना प्रभारी ने कहा कि परिवार के सदस्य फिर हिंडौन के जिला अस्पताल पहुंचे जहां अमृतलाल को मृत घोषित कर दिया गया।

उसी दिन एक मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि परिवार ने नादौती थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया है और आरोप लगाया है कि मीणा को जहर दिया गया था।

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पुलिस ने 'जीरो' प्राथमिकी दर्ज कर उसे उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित सिगारा थाने भेजा है क्योंकि घटना उसी थाने के अधिकार क्षेत्र में आती है। आरोपी आरके सिंह का पेपर लीक रैकेट से पुराना नाता है। उसे पेपर लीक मामले में गिरफ्तार भी किया गया था।

आरोप है कि आरके सिंह ने अमृत लाल मीणा को पेपर मुहैया कराया था और फिर उसने इसे लाखों रुपये में बेच दिया। भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद इसकी जांच एसओजी को सौंपी गई। बाद में यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी।

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