Press Trust of India | July 31, 2025 | 12:47 PM IST | 2 mins read
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 जुलाई को एम्स देवघर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी और 1 अगस्त को आईआईटी धनबाद के 45वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार (31 जुलाई, 2025) को रांची आएंगी और एम्स देवघर (AIIMS Deoghar) तथा आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को एम्स देवघर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी और 1 अगस्त को आईआईटी धनबाद के 45वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
इससे पहले, उन्होंने बुधवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में एम्स-कल्याणी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए देवघर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि देवघर हवाई अड्डे से एम्स तक के रास्ते पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। वह दोपहर 3:00 बजे दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी।
उन्होंने बताया कि रास्ते में सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए बुधवार को एक अभ्यास किया गया। अधिकारियों ने बताया कि काफिले में प्रोटोकॉल के अनुसार वाहन होंगे, जिनमें एक एम्बुलेंस और सामान ले जाने वाली गाड़ी के अलावा अन्य वाहन भी शामिल होंगे। ऐसे सभी वाहनों को अनिवार्य जांच के बाद तैयार रखा गया है।
इस बीच, धनबाद शहर भी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। अपने कार्यक्रम के तहत, राष्ट्रपति मुर्मू 1 अगस्त, 2025 को 99 साल पुराने आईआईटी धनबाद के 45वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी मौजूद रहने की उम्मीद है।
अधिकारियों के अनुसार, मुर्मू आईआईटी-आईएसएम के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए लगभग एक घंटे तक धनबाद में रहेंगी। एक अधिकारी ने कहा, “उनके दोपहर 12:00 बजे पहुंचने और समारोह में शामिल होने की उम्मीद है। वह दोपहर 1:00 बजे तक रवाना होंगी।”
मुर्मू आईआईटी-आईएसएम, धनबाद में दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाली दूसरी राष्ट्रपति होंगी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 10 मई, 2014 को संस्थान के 36वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी। आईएसएम धनबाद की स्थापना 1926 में हुई थी और 6 सितंबर, 2016 को इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का दर्जा दिया गया था।