JG University: जेजीयू ने जापान के विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 8 एमओयू साइन किए
इन साझेदारियों में छात्र विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान पहल, अतिथि संकाय आदान-प्रदान और सहयोगी शैक्षणिक सम्मेलन शामिल हैं।
Abhay Pratap Singh | June 23, 2025 | 04:52 PM IST
नई दिल्ली: ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU) ने अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जापान के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ 8 नए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही जापान में जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय (जेजीयू) की शैक्षणिक साझेदारियों की कुल संख्या बढ़कर 23 विश्वविद्यालयों तक पहुंच गई है।
आधिकारिक प्रेस रिलीज के अनुसार, “यह उपलब्धि जून 2025 में जेजीयू प्रतिनिधिमंडल की जापान यात्रा के दौरान दर्ज की गई, जिसमें टोक्यो, क्योटो, ओसाका, फुकुशिमा, यामानाशी और अन्य प्रमुख शहरों में कई उच्चस्तरीय कार्यक्रम और बैठकों का आयोजन हुआ।”
JGU Leading Universities in Japan: जापान के प्रमुख विश्वविद्यालय
नवीनतम एमओयू निम्नलिखित जापानी संस्थानों के साथ ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा हस्ताक्षरित किए गए हैं:
- एशिया यूनिवर्सिटी, टोक्यो
- चुओ यूनिवर्सिटी, टोक्यो
- दोशिशा यूनिवर्सिटी, क्योटो
- हिगाशी निप्पॉन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, इवाकी, फुकुशिमा
- कंसाई यूनिवर्सिटी, ओसाका
- मुसाशी यूनिवर्सिटी, टोक्यो
- ओसाका गाकुइन यूनिवर्सिटी, ओसाका
- टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज, टोक्यो
प्रेस रिलीज के अनुसार, “जेजीयू की जापान के साथ की गई रणनीतिक और सतत सहभागिता गहन, सार्थक और बहुआयामी अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन साझेदारियों में छात्र विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान पहल, अतिथि संकाय आदान-प्रदान और सहयोगी शैक्षणिक सम्मेलन शामिल हैं।”
जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर डॉ सी राज कुमार ने कहा, “यह भारत-जापान शैक्षणिक संबंधों के लिए एक निर्णायक क्षण है। जापान के 23 प्रमुख विश्वविद्यालयों तक हमारी साझेदारी का विस्तार केवल संख्या बढ़ाने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह शैक्षिक नवाचार, सामाजिक प्रभाव और वैश्विक संवाद के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।”
जेजीयू के वॉइस डीन एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध और वैश्विक मामलों के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अखिल भारद्वाज ने कहा, “जापान के साथ हमारी बढ़ती सहभागिता विश्वास, पारस्परिक सम्मान और साझा शैक्षणिक मूल्यों पर आधारित है। ये साझेदारियां छात्र आदान-प्रदान, संयुक्त शोध और सांस्कृतिक संवाद के लिए मजबूत अवसर प्रदान करेंगी, जिससे हमारे संस्थानों और देशों के बीच संबंध और भी गहरे और सार्थक होंगे।”
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