IIM Sambalpur: आईआईएम संबलपुर में राष्ट्रीय फ्लैगशिप टॉक शो ‘आइडियाज मैटर मोस्ट’ का हुआ आयोजन

‘आइडियाज मैटर मोस्ट’ प्रोग्राम का उद्देश्य विचारों की शक्ति के माध्यम से बेहतर समाज और राष्ट्र निर्माण के रास्ते तलाशना है।

आईआईएम संबलपुर के ‘आइडियाज मैटर मोस्ट’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार शामिल हुए। (स्त्रोत-प्रेस रिलीज)

Abhay Pratap Singh | August 25, 2025 | 05:54 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय प्रबंधन संस्थान, संबलपुर (IIM Sambalpur) में दो दिवसीय राष्ट्रीय फ्लैगशिप टॉक शो “आइडियाज मैटर मोस्ट” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की थीम “तकनीक और उद्यमिता के संगम पर विकसित भारत @2047 की ओर” विषय पर आधारित थी। इस दौरान नीति-निर्माताओं, शिक्षा विशेषज्ञों, उद्यमियों और नवाचारकों ने भारत की विकास यात्रा पर विचार-विमर्श किया।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, “कार्यक्रम का उद्देश्य विचारों की शक्ति के माध्यम से बेहतर समाज और राष्ट्र निर्माण के रास्ते तलाशना है। टॉक शो में तकनीक के समावेशन, शोध आधारित उद्यमिता और मूल्य-आधारित नेतृत्व की अहमियत पर जोर दिया गया, जो सतत और समावेशी विकास को गति दे सकते हैं।”

प्रेस रिलीज के अनुसार, “चर्चा का केंद्र भारत की जनसांख्यिकीय क्षमता रही, जिसे भविष्य-उन्मुख कौशल, उद्यमिता के अवसर और अकादमिक-उद्योग सहयोग से सशक्त बनाकर परिवर्तन का असली कारक बनाया जा सकता है।” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार तथा विशिष्ट अतिथि के रूप मेवाड़ की साहिबा निवृत्ति कुमारी उपस्थिति रहीं।

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स्वागत भाषण में आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रो महादेव जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि आईआईएम को राष्ट्र निर्माण में ज्ञान साझेदार की भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, नवाचार, समावेशिता और ईमानदारी आईआईएम संबलपुर के मूल मूल्य हैं, जो ‘2047 तक विकसित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने के लिए अगली पीढ़ी के नेताओं तैयार करेंगे।

आईआईएम संबलपुर के निदेशक ने आगे कहा, उच्च प्रभाव वाले संवादों का आयोजन करना संस्थान की नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पॉडकास्ट, वीडियो और लेखों के माध्यम से ज्ञान को सब तक पहुंचाना समावेशन का उदाहरण है। वहीं, सरकार, अकादमिक जगत और उद्योग के बीच सहयोग ईमानदारी व पारदर्शिता की मिसाल है।

‘आइडियाज मैटर मोस्ट’ के संस्थापक प्रणव कुमार ने कहा, “हर विचार महत्वपूर्ण है और बड़ा बदलाव ला सकता है। इसी मंच के जरिए हम विविध विचारों और नवाचारों को पहचान और प्रोत्साहन देना चाहते हैं ताकि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त हो।” इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र, नवप्रवर्तक, उद्यमी, शिक्षाविद और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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