Press Trust of India | October 16, 2025 | 10:35 PM IST | 2 mins read
आइसा ने कहा कि एबीवीपी के सदस्यों ने अध्यक्ष नीतीश पर हमला कर उनके कपड़े फाड़े और जातिवादी, महिला विरोधी व इस्लाम विरोधी टिप्पणियां कीं।
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में 16 अक्टूबर को स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज की आम सभा की बैठक (जीबीएम) के दौरान तनाव फैल गया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम समर्थित छात्र समूहों ने एक-दूसरे पर हिंसा और व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की तैयारी में जुटा है, जो संभवतः नवंबर में होगा।
एबीवीपी ने आरोप लगाया कि एक वामपंथी सदस्य ने बैठक के दौरान भेदभावपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें कहा गया कि ‘‘यूपी-बिहार के लोग तथा एबीवीपी के छात्र जेएनयू में आने के योग्य नहीं हैं और उन्हें बाहर निकाल दिया जाना चाहिए।’’
बयान में कहा गया कि छात्रों के विरोध पर वामपंथी छात्रों ने एक छात्रा पर हमला किया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। एबीवीपी ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश पर कार्रवाई न करने और अपने साथियों को दोबारा हमले के लिए बुलाने का आरोप लगाया।
इसने आरोप लगाया कि कई छात्रों को पीटा गया और ‘‘वामपंथी छात्रों ने झूठी कहानियां फैलाना शुरू कर दिया, अपनी कमीज फाड़नी शुरू कर दी तथा खुद को पीड़ित बताने के लिए नाटक करना शुरू कर दिया।’’
एबीवीपी ने कहा कि वामपंथी जब असली सवालों का जवाब नहीं दे पाते, तो खुद को पीड़ित दिखाने लगते हैं। बयान में कहा गया कि जीबीएम 16 घंटे तक रुकी रही और जब छात्रों ने जवाबदेही मांगी, तो जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी।
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एबीवीपी ने वामपंथियों पर चुनाव आयोग में घुसपैठ करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तानाशाही में बदलने का आरोप लगाया। वहीं, आइसा ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्यों ने जीबीएम में बाधा डाली और छात्रों पर हमला किया।
आइसा ने कहा, ‘‘एबीवीपी के सदस्यों ने एक महिला छात्रा का गला पकड़ लिया और कई अन्य को पीटा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। घायल छात्रों का सफदरजंग अस्पताल में इलाज हो रहा है।’’
आइसा ने एबीवीपी पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया बाधित करने के लिए हिंसा करने का आरोप लगाया। उसका कहना है कि एबीवीपी के सदस्यों ने अध्यक्ष नीतीश पर हमला कर उनके कपड़े फाड़े और जातिवादी, महिला विरोधी व इस्लाम विरोधी टिप्पणियां कीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने की और मुख्य अतिथि के रूप में उप निदेशक/विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) दीपक यादव, आईपीएस उपस्थित थे।
Santosh Kumar