Santosh Kumar | October 17, 2025 | 03:32 PM IST | 2 mins read
यदि आवश्यक हो, तो छुट्टियों के दौरान भी परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं। संस्थान को परिणाम रिकॉर्ड 6 महीने तक सुरक्षित रखना होगा।
नई दिल्ली: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (बीएसईएच) ने डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) के प्रथम और द्वितीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। नियमित, री-अपीयर और मर्सी चांस श्रेणी के छात्र-अध्यापकों के लिए बाह्य और आंतरिक प्रायोगिक परीक्षाएं 23 से 30 अक्टूबर तक संबंधित शिक्षण संस्थानों में आयोजित की जाएंगी। ये परीक्षाएं लिखित परीक्षाओं के बाद आयोजित की जाएंगी और छात्रों को अपने संस्थानों में उपस्थित होना होगा।
अधिसूचना के अनुसार, बोर्ड ने सभी संस्थानों को सभी प्रक्रियाएं समय पर पूरी करने के निर्देश दिए हैं। प्रैक्टिकल परीक्षा के अंक ऑनलाइन अपलोड करने का लिंक बोर्ड की वेबसाइट पर 23 अक्टूबर से 1 नवंबर तक उपलब्ध रहेगा।
संस्थानों को अपने लॉगिन क्रेडेंशियल (यूज़र आईडी और पासवर्ड) का उपयोग करके अंक अपलोड करने होंगे। उन्हें विषयवार 25 से 30 छात्र-शिक्षक सदस्यों के ग्रुप भी बनाने होंगे और उनकी ग्रुप फोटो अपलोड करनी होंगी।
ग्रुप फोटो में में प्रैक्टिकल परीक्षक, पर्यवेक्षक और सभी संबंधित छात्र शामिल होने चाहिए। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अंक अपलोड करने की जिम्मेदारी संस्थानों की होगी और निर्धारित तिथियों के बाद कोई बदलाव संभव नहीं होगा।
बोर्ड ने यह भी निर्देश दिया है कि एक विषय में सभी परीक्षार्थियों के अंक एक साथ और सबमिट किए जाएं। अंक जमा होने के बाद ऑनलाइन कोई सुधार संभव नहीं होगा और किसी भी छात्र का कॉलम खाली नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
अंक अपलोड करना प्रायोगिक परीक्षक और पर्यवेक्षक की मौजूदगी में जरूरी है। अगर कोई परीक्षक किसी कारण से अपनी ड्यूटी से छुट्टी चाहता है, तो उसके स्थान पर दूसरे परीक्षक की नियुक्ति जिले के D.I.E.T प्राचार्य द्वारा की जाएगी।
किसी भी परिस्थिति में आप स्वयं परीक्षक नियुक्त न करें। चूंकि भिवानी जिले में कोई D.I.E.T नहीं है, इसलिए इसके शिक्षण संस्थानों के लिए उपर्युक्त कार्य प्रधानाचार्य, D.I.E.T, बिरही कलां, चरखी दादरी द्वारा किया जाएगा।
प्रथम वर्ष के छात्र-अध्यापकों के बाह्य मूल्यांकन हेतु 2 परीक्षक नियुक्त किए जाएंगे, एक शासकीय/बाह्य संस्था से तथा दूसरा संबंधित संस्था से, जिसकी नियुक्ति संस्था के प्राचार्य द्वारा की जाएगी। आंतरिक परीक्षक को कोई पारिश्रमिक नहीं दिया जाएगा।
बोर्ड ने आंतरिक प्रायोगिक परीक्षाओं की निगरानी के लिए ऑब्जर्वर भी नियुक्त किए हैं। अगर कोई ऑब्जर्वर किसी कारण से ड्यूटी से छुट्टी चाहता है, तो उसके स्थान पर दूसरे ऑब्जर्वर की नियुक्ति जिले के शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाएगी।
यदि किसी छात्र-अध्यापक की एसआईपी विषय में उपस्थिति 90% से कम है, तो उन्हें शून्य अंक दिए जाने चाहिए। यदि आवश्यक हो, तो छुट्टियों के दौरान भी परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं। संस्थान को परिणाम रिकॉर्ड 6 महीने तक सुरक्षित रखना होगा।