शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 5 नई वर्गीकृत शास्त्रीय भाषाओं के विद्वानों के साथ की बातचीत

केंद्र सरकार ने प्राकृत, पाली, मराठी, बंगाली और असमिया भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया है।

शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट भी शेयर किया है। (इमेज-X/@dpradhanbjp)

Santosh Kumar | October 18, 2024 | 06:19 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज (18 अक्टूबर) 5 नई वर्गीकृत शास्त्रीय भाषाओं - प्राकृत, पाली, मराठी, बंगाली और असमिया के विद्वानों के साथ बातचीत की। इस कार्यक्रम में भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री, यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार, शिक्षाविद, विद्वान और मंत्रालय के कई अधिकारी मौजूद थे।

इस अवसर पर विद्वानों ने प्रसन्नता व्यक्त की और इन भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने इन भाषाओं को बढ़ावा देने और समृद्ध करने के लिए अपना समर्थन भी दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार एनईपी 2020 के अनुसार भारतीय भाषाओं में अध्ययन को बढ़ावा दे रही है। इसके साथ ही वे देश की भाषाई विरासत के सम्मान और संरक्षण के लिए भी प्रयास कर रहे हैं।

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प्रधान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा कहा है कि सभी भाषाएं भारतीय भाषाएं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सभी भारतीय भाषाओं में पढ़ाई को मजबूत और सुविधाजनक बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि वे मातृभाषा में शिक्षा को आसान बनाने, बहुभाषावाद को बढ़ावा देने और सभी भारतीय भाषाओं पर समान ध्यान देने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। इसके साथ ही वे इन भाषाओं की अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने के लिए भी काम करेंगे।

प्रधान ने कहा कि भारत की आत्मा उसकी भाषाओं में बसती है। उन्होंने बताया कि सरकार भारतीय भाषाओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने पर भी काम कर रही है। शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट भी शेयर किया है।

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