उच्च स्कूली कक्षाओं में पढ़ाई छोड़ने की दर चिंताजनक, 12वीं तक जीईआर घटकर 58%: अधिकारी ने कहा

Press Trust of India | August 3, 2025 | 04:39 PM IST | 1 min read

संजय कुमार ने कहा, "हमने प्राथमिक शिक्षा में उच्च नामांकन दर हासिल की है, लेकिन कक्षा 10 और 12 में पढ़ाई छोड़ने वालों की दर चिंता का विषय बनी हुई है।"

केंद्रीय स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी दी। (इमेज-एक्स/@sanjayjavin)

जयपुर: केंद्रीय स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने जयपुर में 'स्कून्यूज ग्लोबल एजुकेटर्स फेस्ट 2025' में बोलते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अनेक शैक्षिक सुधारों के बावजूद, बच्चों, खासकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में, पढ़ाई छोड़ने से रोकना एक चुनौती बनी हुई है और उन्होंने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, "हमने प्राथमिक शिक्षा में उच्च नामांकन दर हासिल की है, लेकिन कक्षा 10 और 12 में पढ़ाई छोड़ने वालों की दर चिंता का विषय बनी हुई है।" संजय कुमार ने कहा कि छात्रों को उच्च कक्षाओं तक अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहिए।

12वीं कक्षा तक जीईआर घटकर 58 प्रतिशत

संजय कुमार ने कहा, ‘‘प्रारंभिक शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 90 प्रतिशत है लेकिन नौ प्रतिशत बच्चे अब भी स्कूलों से बाहर हैं। दसवीं कक्षा तक जीईआर घटकर 78 प्रतिशत और बारहवीं कक्षा तक घटकर 58 प्रतिशत रह जाता है।’’

इस समय 14.7 लाख स्कूल हैं जिनमें 10.5 लाख सरकारी और 3.5 लाख निजी स्कूल हैं। लगभग 30,000 स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से, 3,000 आईसीएसई से, 700 कैम्ब्रिज से और 250 ‘इंटरनेशनल बैकलॉरिएट’ से संबद्ध हैं।

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केंद्रीय स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने कहा कि कुछ इलाकों में स्कूलों तक सीमित पहुंच भी पढ़ाई छोड़ने का एक प्रमुख कारण है और उन्होंने इसके समाधान के लिए केंद्रित नीतिगत हस्तक्षेप का आह्वान किया।

एनईपी 2020 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कम से कम 5वीं कक्षा तक पढ़ाई स्थानीय भाषा में होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मातृभाषा-आधारित शिक्षा अधिक प्रभावी है, और अंग्रेजी को एक विषय के रूप में माना जाना चाहिए।’’

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