BHU Scholarships: बीएचयू शुरू करेगा तीन नई छात्रवृत्तियां, विश्वविद्यालय की प्रतिदान पहल से मिली मदद
Saurabh Pandey | June 22, 2024 | 02:45 PM IST | 2 mins read
राहुल श्रीवास्तव ने हाल ही में कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन से मुलाकात की और अपने परिवार की ओर से बीएचयू के प्रति प्रशंसा व्यक्त की और बताया कि यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि अच्छे नागरिकों को आकार देने में भी भूमिका निभा रहा है।
नई दिल्ली : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की तरफ से तीन नई छात्रवृत्तियां शुरू की जा रही हैं, जिनमें से प्रत्येक शिक्षा संकाय, सेंट्रल हिंदू बॉयज स्कूल और सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल के लिए हैं। विश्वविद्यालय को प्रतिदान पहल के तहत इन छात्रवृत्तियों के लिए दान प्राप्त हुआ है।
दरअसल मुंबई स्थित एक कॉर्पोरेट लीडर राहुल श्रीवास्तव ने अपनी नानी बिन्ध्याचल देवी, उनके दादा स्व. मदन मोहन प्रसाद और उनकी चाची बिमला श्रीवास्तव उनके पिता एल. पी. श्रीवास्तव के सम्मान में यह दान दिया है। वह कई परियोजनाओं में दशकों के योगदान के बाद केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए और उसके बाद एक दशक से अधिक समय तक आईआईटी-गांधीनगर में सलाहकार (कार्य) के रूप में काम किया और इसके प्रतिष्ठित परिसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राहुल श्रीवास्तव ने हाल ही में कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन से मुलाकात की और अपने परिवार की ओर से बीएचयू के प्रति प्रशंसा व्यक्त की और बताया कि यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि अच्छे नागरिकों को आकार देने में भी भूमिका निभा रहा है। कुलपति ने राहुल श्रीवास्तव के दयालु भाव और उदारता को स्वीकार किया और उनके परिवार द्वारा किए गए योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
ये हैं तीनों छात्रवृत्तियां
बिंध्याचल देवी छात्रवृत्ति (25,000 रुपये वार्षिक) शिक्षा संकाय के लिए स्थापित की जाएगी और बी.एड. के प्रथम वर्ष के एक छात्र को प्रदान की जाएगी। मदन मोहन प्रसाद छात्रवृत्ति (5,000 रुपये प्रति वर्ष) सेंट्रल हिंदू बॉयज़ स्कूल में 10वीं कक्षा के एक छात्र को दी जाएगी, जबकि बिमला श्रीवास्तव छात्रवृत्ति (5,000 रुपये प्रति वर्ष) सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल में 10वीं कक्षा के एक छात्र के लिए है। छात्रवृत्ति योग्यता-सह-साधन के आधार पर प्रदान की जाएगी।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की प्रतिदान पहल का उद्देश्य पूर्व छात्रों और शुभचिंतकों से समर्थन जुटाना और मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, आवश्यकता-आधारित वित्तीय सहायता, सीखने के अवसरों को बढ़ाना और शिक्षण में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।
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