कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नीट-यूजी, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच केंद्र सरकार द्वारा लोक परीक्षा अधिनियम 2024 की अधिसूचना "डैमेज कंट्रोल" का एक प्रयास है।
Press Trust of India | June 22, 2024 | 12:26 PM IST
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी मेडिकल परीक्षा नीट यूजी और यूजीसी नेट परीक्षाओं को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार (21 जून) को लोक परीक्षा कानून 2024 को अधिसूचित कर दिया। इसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं पर लगाम लगाना है। इस अधिनियम के तहत अपराधियों को अधिकतम 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। कार्मिक मंत्रालय ने इस कानून को 21 जून से लागू कर दिया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने करीब 4 महीने पहले इस अधिनियम को मंजूरी दी थी। यूजीसी नेट 2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के विवाद के बीच यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार (20 जून) को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की जांच के लिए मामला दर्ज किया।
विपक्षी दलों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जिसके परिणाम एनटीए ने 4 जून को घोषित किए थे। अधिसूचना में कहा गया है, "लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 की धारा 1 की उप-धारा (2) के तहत, केंद्र सरकार 21 जून, 2024 को इस अधिनियम को लागू करती है।"
कांग्रेस ने शनिवार (21 जून) को आरोप लगाया कि नीट-यूजी, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच केंद्र सरकार द्वारा लोक परीक्षा अधिनियम 2024 की अधिसूचना "डैमेज कंट्रोल" का एक प्रयास है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस कानून की जरूरत थी, लेकिन यह केवल पेपर लीक के बाद की स्थिति से निपटता है। हमें ऐसे कानून और प्रक्रियाएं चाहिए जो पेपर लीक को रोकें।
रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करके अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "आखिरकार, लोक परीक्षा विधेयक 2024, जिसे राष्ट्रपति ने 13 फरवरी 2024 को अपनी मंजूरी दी थी। वह अधिनियम अब लागू हो गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि यह स्पष्ट रूप से नीट, यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट और अन्य घोटालों से पैदा हुई स्थिति को संभालने का एक प्रयास है। रमेश ने यह भी कहा, "इस कानून की जरूरत थी, लेकिन यह पेपर लीक होने के बाद मामले से निपटता है। जरूरी यह है कि कानून, सिस्टम और प्रक्रियाएं सुनिश्चित करें कि पेपर लीक ही न हो।"