IIT Kanpur: आईआईटी कानपुर के विद्यार्थियों से पराली की समस्या का समाधान खोजने का उपराष्ट्रपति ने किया आह्वान
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे देश में जो बदलाव हुआ है, वह काफी हद तक इन संस्थानों के पूर्व विद्यार्थियों की देन है।”
Press Trust of India | December 2, 2024 | 03:25 PM IST
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को आईआईटी कानपुर के विद्यार्थियों से विकास के लिए स्मार्ट, समाधान-उन्मुख व सतत नवाचारों पर काम करने और पराली जलाने की समस्या का समाधान खोजने का आह्वान किया। धनखड़ ने कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के ‘भारत के विकास में नवाचार की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक के क्षेत्रों में समाधान उन्मुख नवाचार के लिए वास्तविक दुनिया की समस्याओं को समझना आवश्यक है।
किसान ने नवाचार के लाभों का परीक्षण नहीं किया -
उन्होंने आत्मीयता दर्शाते हुए कहा, “मेरे युवा मित्रों, इसके लिए आरामदायक क्षेत्रों से बाहर निकलना और पूरे भारत में विविध हितधारकों के साथ जुड़ना आवश्यक है। मैं इस पर ध्यान केंद्रित करूंगा क्योंकि मैं आईआईटी कानपुर से एक भावुक अपील करने आया हूं।’’ धनखड़ ने विद्यार्थियों से कहा, ‘‘मैं बहुत आभारी रहूंगा अगर आईआईटी, कानपुर किसानों के कल्याण को मिशन मोड में ले सके और कुछ समस्याएं तो बहुत स्पष्ट हैं, जैसे पराली जलाना। कृपया अपने दिमाग को खंगालें, समाधान खोजें। आज हमारा किसान वस्तुतः तनावग्रस्त है क्योंकि किसान ने नवाचार के लाभों का परीक्षण नहीं किया है।’’
भारत अब उम्मीद और संभावनाओं का देश है -
रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि भारत अब उम्मीद और संभावनाओं का देश है। उन्होंने कहा कि भारत अब आर्थिक उन्नति पर है और अब यह अभूतपूर्व बुनियादी ढांचे वाला देश है। अब भारत ऐसा देश है, जिसका समुद्र, जमीन, आकाश या अंतरिक्ष में प्रदर्शन वैश्विक प्रशंसा प्राप्त कर रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे देश में जो बदलाव हुआ है, वह काफी हद तक इन संस्थानों के पूर्व विद्यार्थियों की देन है। ऐतिहासिक साक्ष्य हमारे सामने हैं कि किसी भी देश ने तकनीकी क्रांतियों का नेतृत्व किए बिना महानता हासिल नहीं की है।’’
शोध केवल शोध के लिए नहीं होना चाहिए -
उन्होंने कहा, “मैंने अक्सर संस्थानों पर ध्यान केंद्रित किया है कि शोध केवल शोध के लिए नहीं होना चाहिए। एक शोध पत्र केवल अकादमिक प्रशंसा के लिए नहीं होता है। एक शोध पत्र के आधार में कुछ ऐसा होना चाहिए जो आम जनता के लिए परिवर्तनकारी हो।’’ लखनऊ में राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार धनखड़ ने प्रौद्योगिकी और संचार जैसे उद्योगों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले आईआईटी, कानपुर के पूर्व छात्रों की सफलता का हवाला देते हुए, वैश्विक बाजारों, विशेष रूप से सिलिकॉन वैली जैसी जगहों पर आईआईटी स्नातकों के दूरगामी प्रभाव को रेखांकित किया।
Also read IIT Kanpur में तीन दिवसीय आसियान-भारत स्टार्टअप फेस्टिवल का शुभारंभ, 100 स्टार्टअप ने लिया हिस्सा
महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों सहित 400 से अधिक स्टार्टअप का समर्थन -
उप राष्ट्रपति ने कॉर्पोरेट जगत से नवाचार के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने व्यवसायों से विकास और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान और विकास में अपने निवेश को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए कहा। धनखड़ ने इनक्यूबेशन सेंटर जैसी पहलों के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने में आईआईटी कानपुर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, जिस तरह आईआईटी कानपुर ने महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों सहित 400 से अधिक स्टार्टअप का समर्थन किया है, ऐसी पहलों के लिए निरंतर समर्थन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
आईआईटी कानपुर के पास भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने का अवसर -
उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर के पास भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने, आर्थिक विकास के लिए नए रास्ते बनाने और देश भर के लाखों किसानों की आजीविका में सुधार करने का अवसर है। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तकनीकी उत्कृष्टता और नवाचार में अग्रणी के रूप में आईआईटी, कानपुर की विशिष्ट विरासत की सराहना की। उन्होंने छात्रों को सार्थक सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि नवाचार का मतलब सिर्फ नई तकनीक बनाना नहीं है; बल्कि यह समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए विचारों को अपनाना है। कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति नवाचार से प्रेरित है और ऐसे संस्थान यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि इन प्रगतियों से सभी को फ़ायदा मिले।
भारत में नवाचार की प्रगति -
राज्यपाल ने कहा कि सही मार्गदर्शन के साथ भारत में नवाचार की प्रगति 2047 तक देश को आत्मनिर्भरता और विकास की ओर ले जाएगी। आईआईटी, कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने सामाजिक लाभ के लिए तकनीकी उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति द्वारा ‘‘भारत के विकास में नवाचार की भूमिका’’ विषय का चयन, तकनीकी उन्नति और सामाजिक प्रभाव को आगे बढ़ाने के संस्थान के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। उनकी अंतर्दृष्टि हमें नवाचार को बढ़ावा देने और प्रभावशाली प्रौद्योगिकियों को बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को गहरा करने के लिए प्रेरित करेगी जो भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाती हैं।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- Teachers Protest: यूपी में 7 साल से नहीं आई कोई शिक्षक भर्ती, बेरोजगारों ने आयोग दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन
- NEET UG 2025: नीट यूजी आंसर की जल्द; सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें एम्स कटऑफ
- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ
- IIT Admission 2025: आईआईटी में बिना जेईई कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें क्या-क्या हैं विकल्प
- Top Dental Colleges in India 2025: भारत के टॉप डेंटल कॉलेज कौन से हैं? एलिजिबिलिटी, रैंक, फीस जानें
- JEE Main 2025 Result: जेईई मेन सेशन 2 का रिजल्ट जल्द; जानें टॉप एनआईटी की कोर्स-वाइज ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक
- GATE 2025: आईआईटी कानपुर में एमटेक प्रोग्राम के लिए गेट कटऑफ क्या होगी? रैंक, फीस और पात्रता जानें
- JEE Main 2025: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक