आसियान-भारत स्टार्टअप महोत्सव 2024 के पहले दिन की शुरुआत सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा पर पैनल चर्चा के साथ हुई।
Santosh Kumar | November 29, 2024 | 02:45 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने 28 नवंबर को स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) के माध्यम से आसियान-भारत स्टार्टअप फेस्टिवल 2024 का आयोजन शुरू किया है। यह कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस फेस्टिवल का उद्देश्य स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
इस कार्यक्रम में 100 स्टार्टअप, उद्योग जगत के लीडर्स, नीति निर्माता भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में नवाचार, सहयोग और सतत विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। यह महोत्सव भारत और आसियान के नवाचारों को जोड़ने का प्रयास है।
उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और साझा आकांक्षाओं की भावना पर जोर दिया गया। आईआईटी कानपुर के निदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा, "यह कार्यक्रम उद्यमिता और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है।
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कार्यक्रम के पहले दिन की शुरुआत सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा पर पैनल चर्चा से हुई। उद्योग जगत के नेताओं ने महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए, जिससे प्रतिभागियों के बीच संवाद और विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
अपने भाषण में आसियान के उप महासचिव सतविंदर सिंह ने कहा, "हम अब पश्चिम पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि सहयोग के माध्यम से अपना रास्ता स्वयं बना सकते हैं।"
एसआईआईसी के प्रभारी प्रोफेसर दीपू फिलिप ने कहा, "यह कार्यक्रम नए अवसर पैदा करने, उद्यमशीलता को प्रेरित करने और साझा विकास और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।"
इसके अनुसार, विश्वविद्यालयों में डीन, प्रोवोस्ट, अध्यक्ष, प्रोफेसर और अन्य शिक्षकों सहित 95% भारतीय उच्च शिक्षा नेताओं का मानना है कि माइक्रो-क्रेडेंशियल छात्रों के रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाते हैं।
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