Press Trust of India | June 6, 2025 | 01:54 PM IST | 1 min read
गुरुवार को दायर एक संशोधित मुकदमे में हार्वर्ड ने कहा कि राष्ट्रपति पुराने कोर्ट के आदेश को न मानने की कोशिश कर रहे हैं।
वाशिंगटन: अमेरिका की एक संघीय न्यायाधीश ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय आने वाले विदेशी छात्रों के देश में प्रवेश पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी है। ट्रंप प्रशासन द्वारा बुधवार को जारी इस घोषणा के कारण देश के सबसे पुराने और सबसे धनी कॉलेज के एक चौथाई छात्रों पर असर पड़ सकता है, जिनमें से अधिकतर हार्वर्ड के शोध और छात्रवृत्ति कार्यक्रम का हिस्सा होते हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने याचिका दायर कर कोर्ट से ट्रंप के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। हार्वर्ड ने कहा था कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि उन्होंने ट्रंप सरकार की बात नहीं मानी, यह उनके खिलाफ बदले की भावना से किया गया कदम है।
गुरुवार को दायर एक संशोधित मुकदमे में हार्वर्ड ने कहा कि राष्ट्रपति पुराने कोर्ट के आदेश को न मानने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद बोस्टन की जज एलिसन बरो ने ट्रंप की बुधवार वाली घोषणा पर अस्थायी रोक लगा दी।
जज ने कहा कि हार्वर्ड का कहना है कि मुकदमे में दोनों पक्षों को सुनने से पहले अगर यह रोक लगी तो इससे संस्थान को ‘‘तत्काल और अपूरणीय क्षति’’ होगी। बरो ने हार्वर्ड में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन को समाप्त करने के प्रशासन के पिछले प्रयास पर लगाई गई अस्थायी रोक को भी बढ़ा दिया।
पिछले महीने गृह मंत्रालय ने विदेशी छात्रों को दाखिला देने और उनके वीजा के वास्ते कागजात जारी करने के लिए हार्वर्ड के प्रमाणन को रद्द कर दिया था, लेकिन बरो ने इस कार्रवाई को अस्थायी रूप से रोक दिया था।
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष ने इस कदम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा, व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन प्रतीकात्मक बदलाव करके वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटका रहा है।
Santosh Kumar