UPPSC RO/ARO Exam: यूपीपीएससी ने परीक्षा नियंत्रक को हटाया, 5 साल में तीसरी बार आयोग की कार्रवाई
अजय कुमार तिवारी को सरकार ने जून-2022 में आयोग के परीक्षा नियंत्रक पद पर नियुक्त किया था। यहां आने से पहले वह मुजफ्फरनगर में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के पद पर तैनात थे।
Santosh Kumar | March 4, 2024 | 10:31 AM IST
नई दिल्ली: समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के परीक्षा नियंत्रक अजय तिवारी को हटा दिया है। प्रशासन ने उनका तबादला राजस्व परिषद में कर दिया है। बता दें कि आयोग द्वारा आरओ/एआरओ परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित की गई थी। जिसके बाद पेपर लीक होने के चलते आयोग ने शनिवार (2 मार्च) को परीक्षा रद्द करने का फैसला किया।
राज्य सरकार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ सवालों की शिकायत मिली थी, जिसके संबंध में सरकार ने आम लोगों से साक्ष्य मांगा था, जिसमें अनियमितता पाई गई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षाएं रद्द करने और मामले की जांच एसटीएफ से कराने के निर्देश दिए। साथ ही सीएम ने अगले 6 महीने में दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है।
सरकार ने अभी तक यूपीपीएससी में किसी नए परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति नहीं की है। जानकारी के मुताबिक यह तैनाती एक-दो दिन में कर दी जाएगी। प्रशासन ने कहा है कि जांच से पता चलेगा कि किस स्तर पर अनियमितता हुई है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
5 साल में तीसरी बार बदले नियंत्रक
उत्तरप्रदेश भर्ती परीक्षा में अनियमितता का मामला नया नहीं है, पिछले 5 साल में यह तीसरी बार है जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इससे पहले एपीएस भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप में सीबीआई ने केस दर्ज किया था। वहीं, इससे पहले एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 के पेपर लीक मामले में भी परीक्षा नियंत्रक को एसटीएफ ने जेल भेज दिया था।
बता दें कि अजय कुमार तिवारी को सरकार ने जून-2022 में आयोग के परीक्षा नियंत्रक पद पर नियुक्त किया था। यहां आने से पहले वह मुजफ्फरनगर में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के पद पर तैनात थे। कहा जाता है कि यूपीपीएससी की कोई भी परीक्षा हो, परीक्षा नियंत्रक को ही पता होता है कि प्रश्नपत्र देश के किस प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा है, इसकी जानकारी आयोग के अध्यक्ष को भी नहीं होती है।
प्रश्न पत्रों के कई सेट तैयार किए जाते हैं और अलग-अलग सीलबंद लिफाफे में परीक्षा नियंत्रक को भेजे जाते हैं। परीक्षा नियंत्रक उनमें से एक सेट को प्रिंट करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस में भेजता है। हालाँकि, प्रॉक्सी नियंत्रक को यह भी नहीं पता होता है कि बंद लिफाफे में कौन सा सेट है। इतनी गोपनीयता के बावजूद पेपर लीक होने और परीक्षा नियंत्रक को अचानक हटाए जाने से अब आयोग और प्रिंटिंग प्रेस के साथ परीक्षा केंद्रों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कितनी सीटें? पिछले साल हुई बढ़ोतरी, जानें राज्यवार डिटेल
- Israel-Iran Conflict: सुरक्षा कारणों से तेहरान से भारतीय छात्रों को निकाला गया, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
- UP Police Joining Letter: यूपी पुलिस में एक साथ भर्ती हुए सेवानिवृत्त फौजी और उनके बेटे को मिला नियुक्त पत्र
- Teachers Protest: यूपी में 7 साल से नहीं आई कोई शिक्षक भर्ती, बेरोजगारों ने आयोग दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन
- NEET UG 2025: नीट यूजी आंसर की जल्द; सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें एम्स कटऑफ
- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ
- IIT Admission 2025: आईआईटी में बिना जेईई कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें क्या-क्या हैं विकल्प
- Top Dental Colleges in India 2025: भारत के टॉप डेंटल कॉलेज कौन से हैं? एलिजिबिलिटी, रैंक, फीस जानें