UP News: शिक्षा और युवाओं को भाजपा अपनी आपसी लड़ाई और नकारात्मक राजनीति से दूर रखे - पूर्व सीएम अखिलेश यादव

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की साजिश कर रही है।

अखिलेश ने कहा, “ये (केशव प्रसाद मौर्य) ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों के साथ नहीं हैं।” (स्त्रोत-'एक्स'/अखिलेश यादव)

Abhay Pratap Singh | August 18, 2024 | 02:31 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यानी 18 अगस्त को बिना नाम लिए यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि शिक्षा और युवाओं को भाजपा अपनी आपसी लड़ाई और नकारात्मक राजनीति से दूर ही रखे। क्योंकि भाजपा की ऐसी ही सत्ता लोलुप सियासत से उप्र कई साल पीछे चला गया है।

अखिलेश ने आगे कहा, “69,000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ का बयान भी साजिशाना है। पहले तो आरक्षण की हकमारी में खुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे और जब युवाओं ने उन्हीं के खिलाफ लड़कर, लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ पाया, तो अपने को हमदर्द साबित करने के लिए आगे आकर खड़े हो गए।”

सपा प्रमुख यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “दरअसल ये ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ नहीं हैं, वो तो ऐसा करके भाजपा के अंदर अपनी राजनीतिक गोटी खेल रहे हैं। वो इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जिनके ऊपर उंगली उठा रहे हैं, वो ‘माननीय’ भी अंदरूनी राजनीति के इस खेल को समझ रहे हैं।”

वहीं, डिप्टी सीएम मौर्य ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा, “सपा बहादुर कांग्रेस मोहरा अखिलेश यादव का PDA बहुत बड़ा धोखा है। झूठ बोलने की आटोमैटिक मशीन बनी सपा लोकसभा चुनाव में जैसे संविधान खत्म हो जाएगा का दुष्प्रचार किया, उसी प्रकार PDA का झूठ फैला रहे हैं। भाजपा ही वर्तमान, भाजपा ही भविष्य है, 2027 में 2017 दोहराएंगे।”

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अखिलेश यादव ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है। ये तरीका आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा। आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे।”

सपा प्रमुख ने कहा, दरअसल ये सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है। अब जब भाजपा ये जान गई है कि संविधान को खत्म करने की भाजपाई चाल के खिलाफ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है।

भाजपा सरकार इसे तत्काल वापस ले क्योंकि ये देशहित में भी नहीं है। भाजपा अपनी दलीय विचारधारा के अधिकारियों को सरकार में रखकर मनमाना काम करवाना चाहती है। सरकारी कृपा से अधिकारी बने ऐसे लोग कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकते। ऐसे लोगों की सत्यनिष्ठा पर भी हमेशा प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा।

अखिलेश ने आगे कहा, “देशभर के अधिकारियों और युवाओं से आग्रह है कि यदि भाजपा सरकार इसे वापस न ले तो आगामी 2 अक्टूबर से एक नया आंदोलन शुरू करने में हमारे साथ खड़े हों। सरकारी तंत्र पर कॉर्पोरेट के कब्जे को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि कॉर्पोरेट की अमीरोंवाली पूंजीवादी सोच ज्यादा-से-ज्यादा लाभ कमाने की होती है। ऐसी सोच दूसरे के शोषण पर निर्भर करती है, जबकि ‘समाजवादी सोच’ गरीब, किसान, मजदूर, नौकरीपेशा, अपना छोटा-मोटा काम-कारोबार-दुकान करने वाली आम जनता के पोषण और कल्याण की है।”

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