UP News: अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी तैयार करने के लिए सरकारी स्कूलों में स्थापित की जा रही एस्ट्रो लैब

बयान के अनुसार, सीएम योगी लगातार राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और तकनीक-सक्षम शिक्षा प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

सरकार ने इस अंतरिक्ष प्रयोगशाला को ‘अमृत काल लर्निंग सेंटर’ का नाम दिया है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | July 7, 2025 | 10:49 PM IST

लखनऊ: अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ब्लॉक स्तर पर सरकारी स्कूलों में अंतरिक्ष प्रयोगशालाएं स्थापित कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के कई जिलों के ब्लॉकों के सरकारी स्कूलों में पीपीपी मॉडल पर अंतरिक्ष प्रयोगशालाएं (एस्ट्रो लैब) बनाई गई हैं।

राज्य सरकार ने सोमवार (7 जुलाई) को एक बयान जारी कर कहा कि इन प्रयोगशालाओं में बच्चे न केवल किताबों के माध्यम से बल्कि दूरबीन और सूक्ष्मदर्शी के माध्यम से भी अंतरिक्ष के रहस्यों से परिचित हो रहे हैं।

बयान के अनुसार, सीएम लगातार राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और तकनीक-सक्षम शिक्षा प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र प्रयोगशाला के माध्यम से अंतरिक्ष, प्रकाश, गुरुत्वाकर्षण जैसे जटिल सिद्धांतों को समझने में सक्षम हैं।

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सरकार ने इस अंतरिक्ष प्रयोगशाला को ‘अमृत काल लर्निंग सेंटर’ का नाम दिया है। इनमें डॉबसोनियन टेलीस्कोप, पीआर हेडसेट, माइक्रोस्कोप और मानव शरीर रचना मॉडल जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए बच्चों के ज्ञान को बढ़ाया जा रहा है।

बलिया के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप बलिया के सभी 17 ब्लाकों में विज्ञान एवं खगोल विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बलिया के सीडीओ ओजस्व राज ने बताया कि अंतरिक्ष प्रयोगशाला स्थापित करने में 2.5 से 3 लाख रुपये की लागत आ रही है और इसमें उपकरण और शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शामिल है।

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