SPJIMR Admission 2024: एसपीजेआईएमआर ने पीजीपीडीएम कार्यक्रम में प्रवेश के लिए मांगे आवेदन, अंतिम तिथि 30 जून
Abhay Pratap Singh | June 13, 2024 | 03:09 PM IST | 2 mins read
एसपीजेआईएमआर द्वारा आयोजित 2 वर्षीय पीजीपीडीएम प्रोग्राम की शुरूआत पीजीपीडीएम बैच 24 के लिए 2 अगस्त 2024 से की जाएगी।
नई दिल्ली: भारतीय विद्या भवन के एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (एसपीजेआईएमआर) ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन डेवलपमेंट मैनेजमेंट (PGPDM) के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक उम्मीदवार अंतिम तिथि 30 जून तक आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
एसपीजेआईएमआर में पीजीपीडीएम कार्यक्रम के लिए अभ्यर्थी संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट www.spjimr.org पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पीजीपीडीएम एक 12 महीने का कार्यक्रम है, जो सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले या काम करने की इच्छा रखने वाले पेशेवरों के लिए बनाया गया है।
पीजीपीडीएम के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास किसी भी विषय में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। उम्मीदवारों के पास कम से कम दो साल का पूर्णकालिक कार्य अनुभव भी होना चाहिए। कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज के साथ ही कैंडिडेट को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भी हो।
एसपीजेआईएमआर के पीजीपीडीएम प्रोग्राम में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), फाउंडेशन, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) विभागों, सरकारी समाज कल्याण विभागों और सामाजिक उद्यमों के व्यक्ति शामिल हैं। अधिक जानकारी के लिए कैंडिडेट ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ब्रोशर देख सकते हैं।
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एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के अनुसार, इस डेवलपमेंट मैनेजमेंट प्रोग्राम को एसोसिएशन ऑफ एमबीए (एएमबीए) और एसोसिएशन टू एडवांस कॉलेजिएट स्कूल ऑफ बिजनेस (एएसीएसबी) से अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। यह कार्यक्रम 2 अगस्त 2024 से शुरू किया जाएगा।
पीजीपीडीएम कार्यक्रम में लगभग 30 पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो दो-दो सप्ताह की छह संपर्क अवधियों में पढ़ाए जाएंगे। संस्थान ने कहा कि पहला, तीसरा और अंतिम संपर्क अवधि एसपीजेआईएमआर मुंबई परिसर में आयोजित किया जाएगा, जबकि शेष तीन संपर्क अवधि का आयोजन ऑनलाइन माध्यम में होगा।
उम्मीदवारों को दिए गए संदेश में पीजीपीडीएम के अध्यक्ष तनोज कुमार मेश्राम ने कहा कि, “पीजीपीडीएम उन छात्रों को जीवन बदलने वाला अनुभव प्रदान करता है, जो समाज के विभिन्न वर्गों और भारत भर के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों से आते हैं और जिनका एक साझा लक्ष्य सामाजिक परिवर्तन के लिए काम करना है।”
पीजीपीडीएम चेयरपर्सन ने आगे कहा कि, “कार्यक्रम के प्रत्येक पाठ्यक्रम और घटक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह छात्रों को अपने अभ्यास जगत में सीखी गई बातों को तुरंत लागू करने और खुद को, अपने संगठनों एवं अपने समुदायों को बदलने में मदद करता है।”
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