केंद्रीय विश्वविद्यालयों का दो दिवसीय कुलपति सम्मेलन आज से शुरू, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान होंगे शामिल

दो दिवसीय कुलपति सम्मेलन में तीन प्रमुख क्षेत्रों स्ट्रैटेजिक अलाइनमेंट, पीयर लर्निंग एंड नॉलेज एक्सचेंज और फॉरवर्ड प्लानिंग एंड रीडीनेस को शामिल किया गया है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति सम्मेलन में डीयू सहित अन्य विश्वविद्यालय भाग लेंगे। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट/ डीयू)
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति सम्मेलन में डीयू सहित अन्य विश्वविद्यालय भाग लेंगे। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट/ डीयू)

Abhay Pratap Singh | July 10, 2025 | 10:49 AM IST

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) की ओर से केंद्रीय विश्वविद्यालयों का दो दिवसीय कुलपति सम्मेलन आज यानी 10 जुलाई और 11 जुलाई को गुजरात के केवडिया में आयोजित किया जा रहा है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति सम्मेलन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

इस सम्मेलन में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय, विश्वभारती, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU), सिक्किम विश्वविद्यालय, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कई अन्य शिक्षण संस्थान भाग लेंगे।

Vice Chancellors’ Conference of Central Universities: दो दिवसीय कार्यक्रम

दो दिवसीय केंद्रीय विश्वविद्यालयों का कुलपति सम्मेलन में तीन प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा:

  1. स्ट्रैटेजिक अलाइनमेंट में यह सुनिश्चित करना कि केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अगले चरण के लक्ष्यों के साथ संरेखित हों।
  2. पीयर लर्निंग एंड नॉलेज एक्सचेंज में संस्थागत नवाचारों, सक्षम वातावरण और साझा चुनौतियों पर शिक्षाविदों के बीच संवाद को बढ़ावा देना।
  3. फॉरवर्ड प्लानिंग एंड रीडीनेस में आगामी योजना, नियामक परिवर्तनों और वर्ष 2047 के वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य के लिए संस्थानों को तैयार करना।

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों का कुलपति सम्मेलन का उद्देश्य शैक्षिक परिवर्तन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों की भूमिका और विकसित भारत@2047 में उनके योगदान पर ध्यान केंद्रित करना है। पीआईबी के अनुसार, एनईपी 2020 के 29 जुलाई, 2025 तक पांच वर्षों के कार्यान्वयन के भाग के रूप में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रमुख संस्थागत प्रगति की समीक्षा करने और सामूहिक रूप से आगे की दिशा तय करने के लिए शामिल होंगे।

Vice Chancellor Conference: विषयगत सत्र

इस सम्मेलन में ‘शिक्षण/अधिगम, अनुसंधान और शासन’ पर दस विषयगत सत्रों के माध्यम से चर्चा की जाएगी:

  • चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) पर ध्यान केंद्रित करते हुए NHEQF/NCrF की समझ और कार्यान्वयन
  • कार्य का भविष्य - नौकरी की आवश्यकता के अनुसार पाठ्यक्रमों का संरेखण
  • डिजिटल शिक्षा - स्वयं (SWAYAM), स्वयं प्लस (SWAYAM Plus), अपार (AAPAR) क्रेडिट ट्रांसफर पर ध्यान देना
  • विश्वविद्यालय प्रशासन प्रणाली - समर्थ (SAMARTH)
  • उच्च शिक्षा संस्थानों में समानता को बढ़ावा देना- समावेशी और समतापूर्ण वातावरण को बढ़ावा देना
  • भारतीय भाषा और भारतीय ज्ञान प्रणाली में शिक्षा, भारतीय भाषा पुस्तक योजना
  • ANRF, CoE, PMRF सहित अनुसंधान और नवाचार
  • रैंकिंग और मान्यता प्रणाली
  • भारत में अध्ययन सहित अंतरराष्ट्रीयकरण
  • फैकल्टी डेवलपमेंट - मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम
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