Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने चिकित्सा शिक्षा में बेहतर प्रशासन के लिए ‘ई-स्वास्थ्य संवाद’ मंच शुरू किया

Santosh Kumar | December 29, 2025 | 09:31 AM IST | 1 min read

इस पहल का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा के सभी स्तरों पर जवाबदेही सुनिश्चित करना, देरी को कम करना और आपसी समन्वय को मजबूत बनाना है।

सीएम भजनलाल शर्मा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में पहल की शुरुआत की गई है। (इमेज-एक्स/@BhajanlalBjp)
सीएम भजनलाल शर्मा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में पहल की शुरुआत की गई है। (इमेज-एक्स/@BhajanlalBjp)

जयपुर: राजस्थान सरकार ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में सुशासन, पारदर्शिता और समन्वय को बेहतर बनाने के लिए नया डिजिटल संचार मंच ‘ई-स्वास्थ्य संवाद’ शुरू किया है। सीएम भजनलाल शर्मा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में इस पहल की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी-जनित सुधारों के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण है।

चिकित्सा शिक्षा प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि यह मंच चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सभी हितधारकों को जोड़ने वाले एक समर्पित ‘डिजिटल इंटरफेस’ के रूप में कार्य करेगा।

ई-स्वास्थ्य संवाद 2 चरणों में आयोजित होगा

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त नरेश गोयल ने कहा कि ‘ई-स्वास्थ्य संवाद’ हर सप्ताह में 2 बार (मंगलवार और बृहस्पतिवार) वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। यह संवाद 2 चरणों में आयोजित किया जाएगा।

प्रधानाचार्य, चिकित्सा अधीक्षक, पीएमओ और विभागाध्यक्ष जैसे वरिष्ठ अधिकारी शाम 5 बजे से भाग लेंगे, जिसके बाद शाम 6 बजे से संकाय सदस्यों, चिकित्सकों, परिचर्या कर्मचारी, छात्र और आम जनता के साथ एक खुला संवाद होगा।

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गूगल फॉर्म के जरिए समस्याएं बतानी होगी

उन्होंने कहा कि यह मंच शिकायतों के निवारण, स्वास्थ्य योजनाओं के कार्यान्वयन, बनियादी ढांचे की परियोजनाओं, उपकरणों की खरीद और मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों के दैनिक परिचालन संबंधी मुद्दों पर चर्चा को सुगम बनाएगा।

उन्होंने बताया कि हितधारक गूगल फॉर्म के माध्यम से पहले से ही अपनी समस्याएं और सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं। हालांकि बिना किसी पूर्व निर्धारित एजेंडे के भी चर्चा में भाग लेने की अनुमति होगी।

गोयल ने बताया कि बैठक में लिए गए निर्णय तुरंत दर्ज किए जाएंगे और संबंधित अधिकारियों को 72 घंटे के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस पहल का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा के सभी स्तरों पर जवाबदेही सुनिश्चित करना, देरी को कम करना और आपसी समन्वय को मजबूत बनाना है।

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