आईसीएआर-आईएआरआई के 62वें दीक्षांत समारोह में पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, छात्रों को वितरित की डिग्री

Abhay Pratap Singh | February 9, 2024 | 06:03 PM IST | 1 min read

राष्ट्रपति मुर्मू ने दीक्षांत समारोह में कहा कि वर्ष 2047 में जब भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरेगा, तो भारतीय किसान इस यात्रा के अग्रदूत होंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दीक्षांत समारोह में 543 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां वितरित की। (स्त्रोत- आधिकारिक 'एक्स')

नई दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईएआरआई) के 62वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं। समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने 543 छात्रों को डिग्री व मेडल वितरित कर उन्हें सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह का आयोजन राजधानी दिल्ली में किया गया।

दीक्षांत कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में एक बड़ी आबादी की जीविका कृषि पर निर्भर है, जिसका देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी अर्थव्यवस्था का यह आधार आगे बढ़े और इसमें कोई बाधा न आए।

आगे कहा कि आईएआरआई ने वर्ष 2005 से 2020 तक सौ से अधिक किस्में विकसित की हैं, वहीं 100 से अधिक किस्मों का पेटेंट भी संस्थान के पास है। आईएआरआई ने कृषि से संबंधित अनुसंधान और विकास कार्यों को कुशलतापूर्वक करके, उन्हें जमीनी स्तर पर भी लाने का काम किया है।

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मुर्मू ने कहा कि कई किसान भाई-बहन आज भी गरीबी में जी रहे हैं। हमें सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले और वे गरीबी से समृद्धि की ओर बढ़ सकें। वर्ष 2047 में जब भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरेगा, तो भारतीय किसान इस यात्रा के अग्रदूत होंगे।

आगे कहा कि किसानों की आय बढ़ाने, नई कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने व सुचारू सिंचाई प्रणाली प्रदान करने के लिए सरकार काम कर रही है। सरकार ने किसानों को आय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में आवश्यकतानुसार वृद्धि की है।

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