Abhay Pratap Singh | January 29, 2024 | 01:20 PM IST | 2 mins read
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के 7वें संस्करण के दौरान छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों से बातचीत कर उनके सवालों का जवाब दिया। पीएम ने कहा कि शिक्षक के लिए सभी स्टूडेंट समान होने चाहिए।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जनवरी को 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के सवालों का जवाब देते हुए उनका मार्गदर्शन किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि छात्रों के मन में तुलना बचपन से ही उनके परिवार द्वारा रची जाती है, जबकि माता-पिता को ऐसा नहीं करना चाहिए।
परीक्षा पे चर्चा के 7वें संस्करण पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि स्वस्थ्य जीवनशैली के लिए बेहतर नींद जरूरी है। छात्रों को भारी भोजन की जगह संतुलित आहार लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को व्यायाम भी करना चाहिए। साथ ही, जहां पर हम (विद्यार्थी) कमजोर हैं, वहां पर मित्रों की मदद लेनी चाहिए।
पीएम ने कहा कि परीक्षा के दौरान छात्रों पर दबाव कम करने के लिए शिक्षकों को उनके साथ जुड़ना चाहिए और शुरुआत से ही एक सकारात्मक बंधन बनाना चाहिए, जिससे वह सहज महसूस करें। शिक्षकों को पाठ्यक्रम से हटकर छात्रों के साथ जुड़ना चाहिए, क्योंकि इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें छोटी गलतियों को भी सुधारने में मदद मिलेगी।
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे परीक्षा के दिन अपने बच्चों के साथ सामान्य व्यवहार करें, क्योंकि कुछ अतिरिक्त करने से उनकी चिंता और बढ़ेगी। परीक्षा के दिन तनाव से उबरने के लिए छात्र अपने दिन को सामान्य रूप से व्यतीत करें।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन से पहले भारत मंडपम में आयोजित प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। जिसके बाद पीएम ने कहा कि मुझे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी नवीनतम तकनीकों व विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत परियोजनाओं पर काम करने वाले छात्रों की एक प्रदर्शनी का निरीक्षण करने का भी सौभाग्य मिला।
परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) कार्यक्रम के शुरुआत में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, "मैं पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत करता हूं। हमें 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाना है और यह आपके नेतृत्व में किया जाएगा। आज 'परीक्षा पे चर्चा' ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है।"